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Patna, 30 अक्टूबर . वारिसलीगंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार विधान सभा के 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह नवादा Lok Sabha निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है. वारिसलीगंज में 16 ग्राम पंचायतें हैं. इनके अंतर्गत कुल 80 गांव पड़ते हैं.
वारिसलीगंज विधानसभा के शाहपुर गांव में सूर्य मंदिर स्थित है, जो स्थानीय लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. यहां छठ घाट का अलग काफी महत्व माना जाता है, जिस कारण महापर्व के मौके पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ती है. नारोमुरार गांव में श्री राम और भगवान शिव को समर्पित 400 साल पुराना ठाकुर वाड़ी मंदिर भी लोगों की आस्था से जुड़ा है. इसके अलावा, दरियापुर पार्वती में अवलोकितेश्वर को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर भी स्थित है.
वारिसलीगंज क्षेत्र में स्थित पर्यटन स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों की बात करें तो दरियापुर पार्वती, अप्सरह और माफी गांवों में कई प्राचीन अवशेष मिलते हैं. कहा जाता है कि माफी गांव द्वापर युग का है. इसका उल्लेख महाIndia में भी मिलता है. इसके अलावा, दरियापुर पार्वती गांव में कपोतिका बोध बिहार के अवशेष मिलते हैं. अप्सरह गांव में राजा आदित्यसेन से जुड़ी धरोहर है.
वारिसलीगंज की मिट्टी काफी उपजाऊ है. यहां मुख्य रूप से गेहूं, मक्का और धान की खेती की जाती है. वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र एसएच-83 से जुड़ा हुआ है.
वारिसलीगंज के Political इतिहास को समझा जाए तो यहां 1951 में स्थापित इस सीट पर अब तक 17 विधानसभा चुनाव हुए हैं. शुरुआती समय में यह विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन अभी यहां भाजपा-एनडीए का प्रभाव है.
वारिसलीगंज में कांग्रेस को 1995 में आखिरी बार जीत मिली थी. इसके बाद से न कांग्रेस और न उसके सहयोगी दल चुनाव जीत पाए. दिलचस्प यह भी है कि यहां अब तक राजद का खाता नहीं खुला. पिछले दो चुनावों से भाजपा लगातार जीत रही है. इस बार उसके सामने जीत की हैट्रिक लगाने का भी मौका है.
भाजपा ने वारिसलीगंज से इस बार अरुणा देवी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि राजद के टिकट पर अनीता चुनाव लड़ रही हैं. जन सुराज पार्टी ने उमेश प्रसाद को मैदान में उतारा है.
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डीसीएच/डीकेपी