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New Delhi, 11 नवंबर . कड़ी मेहनत के बाद भी यदि वजन कम करने में मदद नहीं मिल पा रही तो त्रिकोणासन एक सरल और बेहद लाभदायी योगाभ्यास है.
त्रिकोणासन न केवल वजन कम करने, बल्कि शरीर के दर्द दूर करने बल्कि पाचन तंत्र को मजबूत करने में भी सहायक है. India Government का आयुष मंत्रालय त्रिकोणासन को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देता है. मंत्रालय के अनुसार, यह आसन शरीर का लचीलापन बढ़ाने के साथ-साथ मानसिक शांति प्रदान करता है.
त्रिकोणासन की सरल विधि, लाभ और सावधानियों की विस्तृत जानकारी मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों में दी गई है. त्रिकोणासन की अभ्यास विधि अत्यंत सरल है. आयुष मंत्रालय के विशेषज्ञों के अनुसार, सबसे पहले ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाएं. दोनों पैरों को 3 से 4 फीट की दूरी पर फैलाएं. दाएं पैर को 90 डिग्री बाहर की ओर घुमाएं और बाएं पैर को थोड़ा अंदर की ओर मोड़ें. दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं, हथेलियां नीचे की ओर रखें. अब धीरे-धीरे दाईं ओर झुकें और दाहिने हाथ से दाएं पैर या टखने को छूने का प्रयास करें. बायां हाथ सीधा ऊपर की ओर रखें. इस स्थिति में 20 से 30 सेकंड तक रहें. सांस सामान्य रखें. फिर धीरे से ताड़ासन में वापस आएं. इसी प्रक्रिया को बाईं ओर दोहराएं.
मंत्रालय सलाह देता है कि शुरुआत में किसी योग प्रशिक्षक की देखरेख में अभ्यास करना चाहिए. त्रिकोणासन रीढ़ की हड्डी के लिए विशेष रूप से उपयोगी है. यह आसन रीढ़ को लचीलापन देता है और पीठ दर्द में राहत देता है. पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर कब्ज और अपच जैसी समस्याओं को दूर करता है. मोटापा घटाने में सहायक होने के कारण वजन नियंत्रण के लिए प्रभावी है. तनाव और चिंता को कम करने में यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. साथ ही संतुलन और एकाग्रता में भी वृद्धि करता है.
त्रिकोणासन के नियमित अभ्यास से शरीर की एनर्जी बढ़ती है. हालांकि, इसके अभ्यास में कई सावधानी भी बरतने की सलाह दी जाती है. झुकते समय जोर नहीं लगाना चाहिए. सांस कभी न रोकें, गहरी और सामान्य सांस लें. कमर, गर्दन या घुटनों में पुराना दर्द हो तो यह आसन न करें. गर्भवती महिलाओं और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
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एमटी/एएस