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New Delhi, 30 अक्टूबर . पूरी दुनिया में 31 अक्टूबर को विश्व बचत दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मानने का उद्देश्य लोगों को बचत की आदत के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे वह आने वाले समय के लिए, इमरजेंसी या फिर अपने बुढ़ापे के लिए धन जमा कर सके.
31 अक्टूबर, 1984 को पूर्व Prime Minister इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद India में इसे 30 अक्टूबर को मनाया जाता है.
समय के साथ बचत के तरीके में काफी बदलाव आया है. बचत अब केवल धन एकत्रित करने तक सीमित नहीं रही है, बल्कि यह निवेश केंद्रित हो गई है. हाल के दिनों में कई ऐसे फाइनेंशियल सॉल्यूशंस तेजी से आम लोगों के बीच में लोकप्रिय हुए हैं.
एसआईपी : सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी), कोरोना महामारी के बीच तेजी से लोगों के बीच लोकप्रिय हुआ है. इसमें कोई भी व्यक्ति आसानी से मासिक आधार पर एक निश्चित राशि लंबे समय के लिए किसी म्यूचुअल फंड या अन्य किसी निवेश साधन आदि में जमा करता है. एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आप इसे लंबी अवधि तक जारी रखते हैं तो इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है और इससे आप लंबे समय में बड़ा फंड जमा कर पाते हैं.
म्यूचुअल फंड में एसआईपी इनफ्लो सितंबर में 4 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 29,361 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि अगस्त में 28,265 करोड़ रुपए पर था.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एएमएफआई) की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, सितंबर में कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) बढ़कर 75.6 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कि अगस्त में 75.2 लाख करोड़ रुपए था.
ईटीएफ : एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में भी निवेश के ट्रेंड ने हाल के कुछ वर्षों में तेजी पकड़ी है. ईटीएफ, मुख्यत: विभिन्न सिक्योरिटीज का कलेक्शन होता है, जिसमें निफ्टी50 जैसे इंडेक्स, Governmentी या कॉरपोरेट बॉन्ड और कमोडिटी जैसे सोना और चांदी आदि शामिल होते हैं.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, India के गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में अगस्त 2025 में 233 मिलियन डॉलर का शुद्ध निवेश आया, जो जुलाई में दर्ज 139 मिलियन डॉलर से 67 प्रतिशत अधिक है.
इसके अलावा, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी) और सेविंग्स अकाउंट्स जैसे बचत के पारंपरिक माध्यम आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय बने हुए हैं.
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एबीएस/