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New Delhi, 9 नवंबर . India Government की आयुष्मान India Prime Minister जन आरोग्य योजना देश की महत्वाकांक्षी और जनहितकारी योजनाओं में से एक है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा की सुविधा देना है ताकि इलाज के अभाव में किसी की जान नहीं जाए.
केंद्र की मोदी Government द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत हर पात्र परिवार को हर साल पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है.
इस योजना में अब बुजुर्गों को भी शामिल किया गया है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंच सके. देशभर में लाखों लोग पहले ही इसका लाभ उठा चुके हैं. खास बात यह है कि गरीब परिवारों को किसी भी तरह का प्रीमियम नहीं देना पड़ता और वे देशभर के सूचीबद्ध Governmentी या निजी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज करा सकते हैं.
अगर बात करें उत्तराखंड की, तो यहां के सीमांत जिले चमोली में इस योजना ने सैकड़ों परिवारों की जिंदगी बदल दी है. चमोली जिले में करीब 72 प्रतिशत आबादी इस योजना से जुड़ चुकी है.
Governmentी आंकड़ों के अनुसार, अब तक जिले में 2 लाख 29 हजार 384 लोग इस योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिनमें से 51 हजार से अधिक लाभार्थी विभिन्न अस्पतालों में मुफ्त इलाज का लाभ उठा चुके हैं.
गोपेश्वर स्थित चमोली जिला अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजन बताते हैं कि उनकी मां का इलाज आयुष्मान कार्ड के माध्यम से निःशुल्क हुआ. उन्होंने बताया कि अगर यह योजना न होती तो इलाज का खर्च उठाना उनके लिए मुश्किल होता. आयुष्मान कार्ड की वजह से उनका आर्थिक बोझ कम हुआ और उनकी मां को बेहतर इलाज मिला.
उन्होंने केंद्र Government का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना गरीब परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
दरअसल, पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं और निजी इलाज का खर्च उठाना आम लोगों के लिए आसान नहीं होता. ऐसे में आयुष्मान India योजना ने गरीबों के लिए नई उम्मीद जगाई है. अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग बिना चिंता के अस्पताल जा सकते हैं क्योंकि इलाज का खर्च Government उठा रही है.
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पीआईएम/एबीएम