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हैदराबाद, 9 नवंबर हैदराबाद कमिश्नरेट क्षेत्र में लोग रोजाना औसतन 1 करोड़ रुपये साइबर अपराधों में गंवा रहे हैं. यह जानकारी Police कमिश्नर वी. सी. सज्जनार ने Sunday को दी.
साइबर अपराधियों द्वारा लोगों के लोभ और भय का फायदा उठाकर धोखाधड़ी की जा रही है. सज्जनार और डीजीपी बी. शिवधर रेड्डी ने मिलकर साइबर अपराध जागरूकता अभियान “जागरुक हैदराबाद-सुरक्षित हैदराबाद” की औपचारिक शुरुआत की. इस दौरान ‘साइबर सिंहा’ लोगो और क्यूआर कोड भी लॉन्च किए गए तथा स्वयंसेवकों को बैज वितरित किए गए.
डीजीपी शिवधर रेड्डी ने कहा कि साइबर अपराधों को केवल जागरूकता के माध्यम से ही रोका जा सकता है. पिछले एक दशक में ऐसे अपराधों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए पूरे तेलंगाना में युद्धस्तर पर अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि साइबर अपराध अब एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुके हैं. फोन कॉल, social media और ऑनलाइन इंटरैक्शन के जरिए अपराधी आसानी से लोगों की धन, लोकेशन और उम्र जैसी जानकारी हासिल कर उन्हें निशाना बना रहे हैं. महिलाएं, बुजुर्ग और गृहिणियां इन अपराधों के प्रमुख शिकार बन रही हैं, क्योंकि अपराधी उन्हें अकेले समय में डरा-धमकाकर ठगी कर रहे हैं.
Police ने बताया कि इस साल साइबर अपराधों की संख्या कम करने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं और ‘साइबर पेट्रोलिंग’ भी जारी है. उन्होंने युवाओं, सेवानिवृत्त व्यक्तियों और समाज के प्रतिष्ठित लोगों से अपील की कि इस अभियान से जुड़कर लोगों को जागरूक करें. उन्होंने कहा कि यदि हर घर में एक ‘साइबर सिंबा’ होगा, तो पूरा समाज सुरक्षित हो सकता है.
कमिश्नर सज्जनार ने लोगों को सलाह दी कि किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या ऐप पर भरोसा न करें, किसी के साथ ओटीपी, पासवर्ड या बैंकिंग विवरण साझा न करें, मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और अनजान लोगों से social media पर व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें.
उन्होंने कहा कि साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें और राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें.
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डीएससी