सीएम नीतीश कुमार का राजद पर निशाना, बोले- परिवारवाद वालों ने विकास को रोक दिया था

सासाराम, 9 नवंबर . बिहार चुनाव के प्रचार अभियान के अंतिम दिन Sunday को सभी दलों के नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, और मुकेश सहनी चुनावी प्रचार में उतरे, तो एनडीए की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के Chief Minister योगी आदित्यनाथ, एमपी के सीएम मोहन यादव, और बिहार के सीएम नीतीश कुमार विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचे.

परिवारवाद को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने रोहतास के विक्रमगंज, नोखा, और करगहर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए राजद पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एनडीए Government ने साल 2005 से बिहार में विकास की नई शुरुआत की थी, जब राज्य पूरी तरह बदहाली में था. उन्होंने याद दिलाया कि पहले के शासनकाल में न तो सड़कें थीं, न कानून-व्यवस्था, और लोग शाम ढलते ही घरों से निकलने से डरते थे.

उन्होंने कहा कि पहले सत्ता में रहने वालों ने सिर्फ परिवारवाद को बढ़ावा दिया, राज्य के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने राजद प्रमुख लालू यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि जब उन्हें Chief Minister पद छोड़ना पड़ा तो उन्होंने अपनी पत्नी को Chief Minister बना दिया और Government को परिवार तक सीमित कर दिया. उन्होंने कहा कि आज वही लोग फिर से सत्ता में आने का सपना देख रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता अब सब कुछ समझ चुकी है. अब जनता जानती है कि किसने विकास किया और किसने सिर्फ नारे दिए हैं.

Chief Minister ने कहा कि हमने बिहार को अंधकार से निकालकर शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया ताकि लोग सम्मान के साथ जीवन जी सकें. 2005 में एनडीए की Government बनने के बाद उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था को सुधारने को प्राथमिकता दी.

उन्होंने कहा, “हमने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की, Police की जिम्मेदारी तय की और लोगों को भरोसा दिलाया कि अब बिहार में कानून का राज होगा. एनडीए के शासनकाल में लोग बेखौफ होकर यात्रा कर सकते हैं.” Chief Minister नीतीश कुमार ने लोगों से बिहार की विकास यात्रा में सहभागी बनकर विकसित बिहार बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि बिहार में सबके लिए काम हुआ है.

उन्होंने कहा कि उनकी Government ने हमेशा ‘विकास के साथ न्याय’ के सिद्धांत पर काम किया है. हमने गरीबों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को सशक्त किया है. पंचायती राज में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिससे वे निर्णय प्रक्रिया का हिस्सा बन सकीं. Governmentी नौकरियों में आरक्षण दिया गया.

एमएनपी/डीकेपी