बांग्लादेश: जमात का तर्क- आगामी चुनाव कार्यवाहक सरकार के अधीन नहीं हो सकते

ढाका, 28 अक्टूबर . बांग्लादेश में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले Political गतिरोध गहराता नजर आ रहा है. कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने Tuesday को कहा कि भले ही Supreme court का फैसला कार्यवाहक Government की व्यवस्था को बहाल कर दे, लेकिन उसके अधीन चुनाव नहीं हो सकते.

स्थानीय मीडिया के अनुसार, जमात के वकील मोहम्मद शिशिर मोनिर ने चुनाव के समय कार्यवाहक Government की व्यवस्था को बहाल करने की मांग वाली एक अपील पर Supreme court के अपीलीय खंड में सुनवाई के बाद यह टिप्पणी की. यह सुनवाई Tuesday को चौथे दिन भी जारी रही.

बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक जुगंटोर ने मोनिर के हवाले से कहा कि संसद भंग होने के 15 दिनों के भीतर कार्यवाहक Government बनाने की बात चल रही है. अब संसद है ही नहीं. संसद को एक साल से ज्यादा समय पहले भंग कर दिया गया था. अंतरिम Government देश चला रही है. इसके अलावा कुछ और भी मुद्दे हैं, इसलिए अगर Supreme court के फैसले के तहत कार्यवाहक Government की व्यवस्था वापस भी आ जाती है तो भी आगामी चुनावों में यह संभव नहीं है.

पिछले हफ्ते 2011 के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों और समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई के तीसरे दिन जमात के वकील ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि वर्तमान अंतरिम Government के तहत इस प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि संसद निष्क्रिय है.

उन्होंने आगे कहा कि अपीलीय विभाग जो भी फैसला सुनाए, वह कार्यवाहक Government प्रणाली के संबंध में जुलाई चार्टर के प्रस्तावों के अनुरूप होना चाहिए.

दूसरी ओर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने हाल ही में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम Government से ‘कार्यवाहक Government’ की तरह काम करने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अगले साल होने वाले चुनाव स्वतंत्र, स्वीकार्य और निष्पक्ष तरीके से हों.

एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा गया कि इस समय जरूरी है कि आगामी राष्ट्रीय संसदीय चुनाव को सार्थक, निष्पक्ष और सभी के लिए स्वीकार्य बनाया जाए. अंतरिम Government इस दिशा में कार्यवाहक Government की भूमिका निभा सकती है.

अगले साल होने वाले चुनावों से पहले बांग्लादेश में अनिश्चितता और Political उथल-पुथल बढ़ती जा रही है.

जिन पार्टियों ने पहले शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई Government को उखाड़ फेंकने के लिए यूनुस के साथ मिलकर काम किया था, वे अब सुधार प्रस्तावों को लेकर आपस में भिड़ गई हैं.

एमएस/डीकेपी