छत्तीसगढ़ में एसआईआर की शुरुआत, सीईओ ने राजनीतिक दलों के साथ की महत्वपूर्ण बैठक

रायपुर, 28 अक्टूबर . India निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की तिथियों की घोषणा कर दी गई है. इसी सिलसिले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने Tuesday को सभी मान्यता प्राप्त Political दलों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की.

यह बैठक कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, छत्तीसगढ़ के सभागार में आयोजित की गई, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी मान्यता प्राप्त Political दलों को पुनरीक्षण कार्यक्रम की तिथियों और अन्य आवश्यक जानकारियों से अवगत कराना था.

प्रत्येक मतदान केंद्र में लगभग 1,000 मतदाता होते हैं. प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) होता है. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कई मतदान केंद्र होते हैं. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) होता है. ईआरओ एक उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीए) स्तर का अधिकारी होता है, जो कानून के अनुसार मसौदा मतदाता सूची तैयार करता है, दावों और आपत्तियों को प्राप्त करता है और उन पर निर्णय लेता है, और अंतिम मतदाता सूची तैयार करता है और प्रकाशित करता है.

प्रत्येक तहसील के लिए सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ) होता है. जिला मजिस्ट्रेट ईआरओ के निर्णय के विरुद्ध प्रथम अपील की सुनवाई करते हैं. राज्य-संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीईओ (जिला निर्वाचन अधिकारी) के निर्णय के विरुद्ध द्वितीय अपील की सुनवाई करते हैं.

बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) नए मतदाता को शामिल करने के लिए फॉर्म 6 और घोषणा पत्र एकत्र करेंगे और मिलान-लिंकिंग (आधार से जोड़ना) में सहायता करेंगे. मतदाता को ईएफ (इलेक्टोरल फॉर्म) भरने में मदद करेंगे, उसे एकत्र करेंगे, और ईआरओ/एईआरओ को जमा करेंगे. प्रत्येक मतदाता के घर का कम से कम 3 बार दौरा करेंगे. मतदाता, विशेषकर शहरी मतदाता/अस्थायी प्रवासी, ईएफ ऑनलाइन भी भर सकते हैं. इसके अलावा, बीएलओ मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित तथा एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत मतदाताओं की पहचान करेंगे. गणना चरण के दौरान ईएफ के अलावा, ईएफ के साथ कोई अन्य दस्तावेज एकत्र करने की आवश्यकता नहीं है.

ईआरओ/एईआरओ को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पात्र नागरिक छूटा नहीं है और कोई भी अपात्र व्यक्ति शामिल नहीं है. जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ईआरओ के फैसले के खिलाफ पहली अपील की सुनवाई करेंगे. मुख्य निर्वाचन अधिकारी डीएम के निर्णय के खिलाफ दूसरी अपील की सुनवाई करेंगे.

एसआईआर के प्रमुख चरण में बीएलओ, ईआरओ और डीईओ का प्रशिक्षण, बीएलओ द्वारा अंतिम एसआईआर के साथ मैन्युअल मिलान-लिंकिंग, और ईसीआईनेट द्वारा अंतिम एसआईआर के साथ कंप्यूटर मिलान-लिंकिंग शामिल है.

सीईओ, डीईओ और ईआरओ सभी मान्यता प्राप्त दलों से मिलेंगे और एसआईआर प्रक्रिया को विस्तार से समझाएंगे. सभी मान्यता प्राप्त Political दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) का प्रशिक्षण, बीएलए मतदाताओं से विधिवत भरे हुए ईएफ भी एकत्र कर सकते हैं. प्रतिदिन 50 ईएफ तक प्रमाणित कर सकते हैं और बीएलओ को जमा कर सकते हैं.

इस अवसर पर सीईओ यशवंत कुमार ने Political दलों से आग्रह किया कि वे पुनरीक्षण के दौरान अपने बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) के माध्यम से निर्वाचन आयोग के कर्मचारियों को पूरा सहयोग दें, ताकि छूटे हुए पात्र नागरिकों के नाम सूची में जोड़े जा सकें और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें.

सीईओ यशवंत कुमार ने Political दलों को पूरे एसआईआर से संबंधित महत्वपूर्ण तिथियों की भी जानकारी दी. मुद्रण/प्रशिक्षण कार्य 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक, घर-घर गणना चरण अवधि (घर-घर जाकर सत्यापन) कार्य 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक, मसौदा मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसंबर, दावे और आपत्ति की अवधि 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक, नोटिस चरण (सुनवाई और सत्यापन) 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक, और मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 7 फरवरी 2026 तक होगा.

डीकेपी/