साफ नहीं होता पेट और सताती है कब्ज की समस्या? पवनमुक्तासन करेगा समाधान

New Delhi, 9 नवंबर . कहते हैं कि पेट के साफ रहने से ज्यादातर बीमारियां दूर रहती हैं, लेकिन असंतुलित आहार की वजह से पेट संबंधी समस्याएं आम सी बात बन गई हैं, हालांकि ऐसे कई योगासन हैं जिनके अभ्यास से इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.

India Government का आयुष मंत्रालय योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने पर जोर देता है. मंत्रालय के अनुसार, ‘पवनमुक्तासन’ एक सरल लेकिन प्रभावी आसन है जो पेट की कई समस्याओं से निजात दिला सकता है. ‘पवन’ का अर्थ वायु और ‘मुक्त’ का अर्थ छोड़ना या मुक्त करना है. नाम से ही पता चलता है कि यह आसन पेट और आंतों से फंसी हुई वात को बाहर निकालने में मदद करता है.

पवनमुक्तासन कब्ज को जड़ से खत्म करता है, वात दोष से राहत देता है और पेट की सूजन या फैलाव को कम करता है. नियमित अभ्यास से पाचन क्रिया मजबूत होती है. इससे भोजन अच्छी तरह पचता है और शरीर में ऊर्जा बढ़ती है. यह आसन खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो बैठे-बैठे काम करते हैं या अनियमित खानपान से परेशान हैं.

एक्सपर्ट पवनमुक्तासन करने की विधि सरल है. इसके लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं. दोनों पैर सीधे रखें, हाथ शरीर के साथ. गहरी सांस भरें और दाहिना घुटना मोड़कर छाती से सटाएं. इसके बाद दोनों हाथों से घुटने को गले से लगाएं. सांस छोड़ते हुए सिर उठाकर नाक को घुटने से स्पर्श करें. इसके बाद 10-20 सेकंड तक रुकें और सामान्य सांस लें. इसके बाद दाहिना पैर सीधा करें और बायां घुटना दोहराएं. अंत में दोनों घुटने मोड़कर छाती से लगाएं, सिर उठाकर नाक को घुटनों से स्पर्श करें और 30 सेकंड रुकें. इसे सुबह के समय खाली पेट करना सबसे अच्छा है.

पवनमुक्तासन के अभ्यास से कई लाभ मिलते हैं. इससे कब्ज दूर होती है, आंतें साफ रहती हैं. वात, एसिडिटी और अपच में आराम मिलता है, पेट की चर्बी कम होती है, रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है और तनाव कम होता है. महिलाओं के लिए भी यह आसन और लाभदायी है. अनियमित पीरियड्स की समस्या से भी यह निजात दिलाता है. लीवर और किडनी भी स्वस्थ रहते हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि रोज 5-10 मिनट यह आसन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है.

एमटी/वीसी