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दिल्ली, 8 नवंबर . राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने Saturday को एनडीए पर निशाना साधा और कहा कि एनडीए के नेता बिहार चुनाव अभियान में जिस तरीके से बोल रहे हैं, वह संविधान को कमजोर करने का प्रयास है.
मनोज झा ने से कहा कि बिहार चुनाव अभियान में सत्ताधारी दल जिस तरह की भाषा और बयानबाजी कर रहा है, वह सिर्फ धर्मनिरपेक्षता का मजाक नहीं, बल्कि India के संविधान के मूल भाव को कमजोर करने की कोशिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के नेताओं का रवैया संविधान की मूल भावना के विरुद्ध जाता है.
उन्होंने कहा, “आज बिहार के चुनाव अभियान में वे जो बोल रहे हैं, वह सेक्युलरिज्म का मजाक नहीं, बल्कि संविधान को कमजोर करने का प्रयास है.”
पुरी में हुई भगदड़ की जांच पर भी मनोज झा ने Government और प्रशासन को घेरा. उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक आस्था और धार्मिक उन्माद की रेखा अब पूरी तरह धुंधली हो चुकी है.
मनोज झा ने कहा कि भीड़ जुटाने से पहले न तो उचित एसओपी लागू किए जाते हैं और न ही Police बल की पर्याप्त तैनाती की जाती है. इसी लापरवाही का नतीजा है कि निर्दोष लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं और बाद में वे सिर्फ एक सांख्यिकीय आंकड़ा बनकर रह जाते हैं.
उन्होंने कहा, इस देश में धार्मिकता और धार्मिक उन्माद की रेखा मिट चुकी है. बिना भीड़ प्रबंधन और बिना पर्याप्त Police बल के विशाल भीड़ जमा कर दी जाती है और फिर मासूम लोग मर जाते हैं और सिर्फ आकंड़ों में बदल जाते है.”
Prime Minister Narendra Modi पर तंज कसते हुए मनोज झा ने कहा कि चुनावी माहौल में पीएम मोदी की भाषा कई बार असावधान हो जाती है, जिससे जनता के मूड का अंदाजा लगाया जा सकता है.
उन्होंने कहा, “मेरे लिए सबसे बड़ा ओपिनियन पोल तब होता है जब Prime Minister की भाषा फिसलने लगती है. मंच से ‘कट्टा’ जैसे शब्द निकलते हैं तब मुझे लगता है कि वे चुनाव हारेंगे.”
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वीकेयू/वीसी