पाकिस्तान-अफगानिस्तान में सुलह कराना चाहते हैं ट्रंप? अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया बयान

New Delhi, 27 अक्टूबर . अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान और Pakistan के बीच सुलह कराना चाहते हैं. उन्होंने थाईलैंड-कंबोडिया के बीच युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर को लेकर अफगानिस्तान और Pakistan के बीच शांति स्थापित करने के अपने इरादे को दोहराया.

अमेरिका के President डोनाल्ड ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने सात युद्धों को रुकवाया. इसी कड़ी में अब वह Pakistan और अफगानिस्तान के बीच तनाव कम करना चाहते हैं. Pakistan और अफगानिस्तान के बीच दोहा में सीजफायर समझौता किया गया. हालांकि, इसके बाद भी दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प जारी है.

दोहा में 18-19 अक्टूबर को हुए सीजफायर समझौते के दौरान तय हुआ था कि सीजफायर की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए बैठकें होती रहेंगी. अगली बैठक तुर्किए में होनी थी. सीजफायर को लेकर दोनों पक्षों के एक-दूसरे के “मसौदा प्रस्तावों” से असहमत होने के कारण विवाद जारी है.

हालांकि, कतर और तुर्किए अभी भी कोशिशों में लगे हैं कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत से पूरा मामला सुलझ जाए. युद्धविराम समझौते के कार्यान्वयन की निगरानी, ​​उल्लंघनों का मूल्यांकन और दोनों पड़ोसियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुगम बनाने के लिए “चार-पक्षीय चैनल” की स्थापना की संभावना का सुझाव दिया गया है.

अफगानिस्तान के टोलो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि काबुल की तरफ से आए प्रतिनिधिमंडल का एक मसौदा प्रस्ताव “मध्यस्थों के माध्यम से” इस्लामाबाद के प्रतिनिधिमंडल को सौंपा गया, ऐसा ही Pakistan ने भी किया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान ने मांग की है कि Pakistan उसके हवाई क्षेत्र और भूमि सीमाओं का कोई उल्लंघन नहीं करे और इस्लामाबाद को विपक्षी समूहों को अफगानिस्तान के खिलाफ अपने क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.

वहीं, Pakistan के डॉन न्यूज पेपर की मानें तो देश के सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि इस्लामाबाद के प्रतिनिधिमंडल ने काबुल के प्रतिनिधियों के सामने अपनी “अंतिम स्थिति” पेश कर दी है.

Pakistan के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को फिर से धमकी दी है कि समझौते पर न पहुंचने का मतलब खुला युद्ध होगा. आसिफ ने दोहा वार्ता में Pakistanी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था.

केके/एबीएम