बिहार: गया के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में छठ महापर्व की धूम, छठव्रतियों ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य

गया, 27 अक्टूबर . बिहार में गया जिले के नक्सल प्रभावित इमामगंज विधानसभा क्षेत्र स्थित मैंगरा गांव में छठ महापर्व की धूम देखने को मिल रही है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का Monday को तीसरा दिन है, जब छठव्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान गांव में उत्साह और श्रद्धा का माहौल है, भले ही यह क्षेत्र नक्सल गतिविधियों के लिए जाना जाता हो.

छठव्रती महिलाएं सुबह से ही ठेकुआ जैसे प्रसाद तैयार करने में जुटी हैं. प्रसाद बनाने में शुद्धता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. छठव्रती शांति सिंह ने समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया, “हम ठेकुआ बना रहे हैं, जिसमें गेहूं का आटा, घी, मीठा और मसाले मिलाए जाते हैं. यह त्योहार हमारे लिए परिवार की सुख-समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.”

उन्होंने कहा कि वे पिछले 30-35 साल से यह पर्व मना रहे हैं और इसकी तैयारी के लिए नया चूल्हा बनाया जाता है. त्योहार की शुरुआत के साथ ही उनके घर में खुशी का माहौल बन जाता है.

उन्होंने कहा कि पहले दिन ‘नहाय-खाय’ के साथ पर्व शुरू होता है, जिसमें महिलाएं साफ-सफाई के बाद खास भोजन तैयार करती हैं. दूसरे दिन ‘खरना’ में सूर्य भगवान को जल चढ़ाया जाता है और दो तरह की खीर मीठी और दूध वाली बनाई जाती है.

इसके बाद छठव्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं. तीसरे दिन शाम को घाट पर जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जहां वे अपनी मनोकामनाएं मांगती हैं.

वहीं, पहली बार व्रत करने वाली सोनाली सिंह ने कहा, “यह मेरा पहला छठ व्रत है. हम तीन दिन तक उपवास रखते हैं. पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन शाम को अर्घ्य देते हैं. हमने छठी मैया से प्रार्थना की है कि अगर कोई भूल हो जाए, तो उसे माफ कर दें.”

सोनाली ने बताया कि इस पर्व से उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. घाट पर दोरा लेकर जाने की परंपरा के साथ वे सूर्य को अर्घ्य देकर आस्था और विश्वास को मजबूत करते हैं.

एसएचके/वीसी