मध्य प्रदेश के पाठ्यक्रमों में भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम के अध्याय: सीएम मोहन यादव

Bhopal , 27 अक्टूबर . Madhya Pradesh के Chief Minister मोहन यादव ने कहा कि Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में देश में लागू शिक्षा नीति 2020 में सनातन को समृद्ध करने और अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने वाले अध्याय जोड़े गए हैं. राज्य Government ने भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को भी पाठ्यक्रमों में शामिल किया है.

राजधानी Bhopal के शारदा विहार विद्यालय में आयोजित अखिल विश्व गायत्री परिवार के तीन दिवसीय प्रांतीय युवा चिंतन शिविर के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए Chief Minister मोहन यादव ने कहा कि Madhya Pradesh देश का दिल है. जिस प्रकार हृदय, शरीर के रक्त को शुद्ध कर हमारी आयु बढ़ाता है, उसी प्रकार गायत्री परिवार समाज-संस्कृति-संस्कारों को पुष्पित-पल्लवित कर नई ऊर्जा का संचार कर रहा है. प्रांतीय युवा चिंतन शिविर के माध्यम से आत्म निर्माण-राष्ट्र निर्माण और युग निर्माण की यह गतिविधियां देश के दिल में बसे Madhya Pradesh से संचालित हो रही हैं.

उन्होंने कहा कि देश को आजादी तो वर्ष 1947 में मिल गई थी, लेकिन वैचारिक रूप से युवाओं को दृष्टि प्रदान करने के लिए डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की. संघ का यह शताब्दी वर्ष है. पं मदन मोहन मालवीय, बाल गंगाधर तिलक और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे महापुरुषों ने भी युवाओं को आगे बढ़ने के लिए दृष्टि प्रदान कर योगदान दिया.

Chief Minister यादव ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, नारी उत्थान, पर्यावरण, ग्राम विकास और नशा मुक्ति के क्षेत्र में गतिविधियों के माध्यम से धर्म सेवा और राष्ट्र निर्माण का कार्य निरंतर जारी है. Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में देश में शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है. इसमें सनातन को समृद्ध करने और अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने वाले अध्याय जोड़े गए हैं. राज्य Government ने भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को भी पाठ्यक्रमों में शामिल किया है.

उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार ने विवाह सहित सभी संस्कारों की पद्धति को सरल और ग्राह्य भाषा में कराने की प्रक्रिया आरंभ की, जिससे जनसामान्य को संस्कारों का महत्व और उनमें निहित भावना समझने में मदद मिली. राज्य Government द्वारा वैदिक पद्धति से काल गणना के लिए वैदिक घड़ी तैयार की गई है. इसी क्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा के अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी कार्य जारी है.

गायत्री परिवार के डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार कोई संस्था नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है. यह एक विचारधारा है. पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने गायत्री मंत्र को केवल जप नहीं बल्कि जीवन की दिशा बनाया. उन्होंने सिखाया कि युग परिवर्तन का आरंभ व्यक्ति के भीतर से होता है.

डॉ. पंड्या ने बताया कि आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक मूल्यों पर आधारित विकसित India का खाका तैयार करना इस शिविर का उद्देश्य है. स्वस्थ युवा-सशक्त राष्ट्र, शालीन युवा-श्रेष्ठ राष्ट्र, स्वावलम्बी युवा-संपन्न राष्ट्र, और सेवाभावी युवा-सुखी राष्ट्र इस आयोजन के लक्ष्य हैं. प्रांतीय चिंतन शिविर में Union Minister दुर्गादास उइके, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमारिया सहित बड़ी संख्या में गायत्री परिवार के सदस्य और युवा उपस्थित थे.

एसएनपी/डीकेपी