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बुडापेस्ट, 27 अक्टूबर . Prime Minister बेंजामिन नेतन्याहू के बाद इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने भी स्पष्ट किया है कि वे 20 सूत्रीय शांति योजना के तहत गाजा में ‘किसी भी देश की सेना’ को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें तुर्की की सेना मंजूर नहीं है. हंगरी के बुडापेस्ट में अपने समकक्ष पीटर सिज्जार्टो से मुलाकात के बाद उन्होंने ये बातें कहीं.
विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा कि इजरायल, फिलिस्तीनी इलाके में युद्ध को हमेशा के लिए खत्म करने के अमेरिकी प्लान के तहत गाजा में तुर्की की सेना की मौजूदगी को मंजूर नहीं करेगा.
बुडापेस्ट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार ने कहा, “जो देश सेना भेजना चाहते हैं या तैयार हैं, उन्हें कम से कम इजरायल के प्रति निष्पक्ष होना चाहिए.”
कभी तुर्की और इजरायल के रिश्ते बहुत अच्छे हुआ करते थे, लेकिन अब ये काफी तल्ख हैं. तुर्की के President रेचेप तैयप एर्दोगन ने इजरायल के गाजा पर किए हवाई और जमीनी हमलों की कड़ी आलोचना की थी और उसके कामों की तुलना नाजियों से करते हुए देश पर नरसंहार का आरोप लगाया था. एर्दोगन हमास आतंकी समूह के खुले समर्थक रहे हैं.
सार ने पीटर सिज्जार्टो के सामने कहा, “एर्दोगन के नेतृत्व में तुर्की ने इजरायल के खिलाफ दुश्मनों सरीखा व्यवहार किया है. न केवल बयानों में तल्खी झलखी है, बल्कि डिप्लोमैटिक और आर्थिक स्तर पर भी रवैया नकारात्मक ही रहा है, इसलिए यह सही नहीं है कि हम उनकी सेना को गाजा पट्टी में घुसने दें. हम इससे सहमत नहीं हैं और हमने यह बात अपने अमेरिकी दोस्तों से भी कह दी है.”
इससे पहले इजरायल के Prime Minister बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा था कि इजरायल यह तय करेगा कि ट्रंप की शांति योजना के तहत गाजा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय बलों में किन देशों के सैनिकों को अनुमति दी जाएगी.
नेतन्याहू ने अपनी कैबिनेट को बताया था कि अपनी सुरक्षा के प्रति हम खुद जिम्मेदार हैं. यह इजरायल तय करेगा कि कौन से अंतरराष्ट्रीय बल हमारे लिए अस्वीकार्य हैं.
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केआर/