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Mumbai , 27 अक्टूबर . Bollywood के सुपरस्टार सलमान खान इन दिनों Pakistan में सुर्खियों का केंद्र बने हुए हैं. दावा किया जा रहा है कि Pakistan की बलूचिस्तान Government ने सलमान का नाम आतंकवाद-रोधी अधिनियम (1997) की चौथी अनुसूची में डाला गया है.
इस मामले ने India में हलचल मचा दी है. इस बीच, Political विश्लेषक और ‘बिग बॉस 13’ के एक्स कंटेस्टेंट तहसीन पूनावाला ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने Pakistan के रवैये पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि India के मुसलमानों की वफादारी पर किसी को शक नहीं होना चाहिए.
तहसीन ने कहा, ‘सभी भारतीय मुसलमान अपने तिरंगे के लिए जीते हैं और उसके लिए मरते हैं. हमारे पूर्वजों ने गांधी और नेहरू के हिंदुस्तान को चुना था और जिन्ना के Pakistan को ठुकराया था.’
पूनावाला ने Pakistan पर निशाना साधते हुए आगे कहा, ”Pakistan चाहे जितनी कोशिश कर ले, भारतीय मुसलमानों को डराया या बरगलाया नहीं जा सकता. आप चाहे India के मुसलमानों के खिलाफ फेक न्यूज चलाओ या तथाकथित जुल्मों की कहानियां बनाओ, लेकिन India का हर एक मुसलमान अपने देश से वफादार रहेगा.”
उन्होंने Pakistan के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद असिम मुनीर को सीधा संदेश देते हुए कहा कि उन्हें अपने देश की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि India के मुसलमानों पर.
तहसीन पूनावाला ने अपने बयान में नागरिकता कानून (सीएए) का उदाहरण देते हुए कहा, ”अगर Pakistan में ऐसा कानून आता है जिसमें कहा जाए कि India में पीड़ित मुसलमान Pakistan की नागरिकता ले सकता है, तो कितने भारतीय मुसलमान ऐसा करना चाहेंगे? जवाब है- शून्य. क्योंकि मुसलमान यहां खुश हैं.”
बता दें कि पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब सलमान खान सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आयोजित जॉय फोरम 2025 में शाहरुख खान और आमिर खान के साथ पहुंचे थे. इस मंच पर सलमान ने कहा था, ”इस समय यदि आप एक हिंदी फिल्म बनाएं और उसे यहां रिलीज करें, तो वह सुपरहिट होगी. यदि आप एक तमिल, तेलुगु या मलयाली फिल्म बनाते हैं, तो वह सैकड़ों करोड़ रुपये कमाएगी, क्योंकि यहां कई देशों के लोग रहते हैं. बलूचिस्तान के लोग हैं, अफगानिस्तान के लोग हैं, Pakistan के लोग हैं, हर कोई यहां काम कर रहा है.”
अपने बयान में बलूचिस्तान और Pakistan को अलग-अलग गिनाने को लेकर Pakistan के social media यूजर्स भड़क उठे. कई लोगों ने इस बयान को Pakistan की एकता पर सवाल के तौर पर देखा और इसे ‘बलूचिस्तान को अलग देश बताने’ की कोशिश बताया.
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पीके/एएस