चकाई विधानसभा चुनाव: पार्टियां पसंद नहीं आई तो जनता ने निर्दलीयों को चुना, इस बार किसको मिलेगा मौका?

Patna, 26 अक्टूबर . जमुई Lok Sabha क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली चकाई विधानसभा सीट न सिर्फ Political दृष्टि से अहम है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था के लिए भी जानी जाती है. Jharkhand की सीमा से सटे इस क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक पहचान इसे बिहार के अन्य इलाकों से अलग बनाती है.

चकाई प्रखंड में स्थित भव्य महावीर वाटिका यहां का प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो प्रकृति प्रेमियों के बीच आकर्षण का केंद्र बन चुका है. वहीं पेटार पहाड़ी पंचायत के महेश्वरी गांव में स्थित अति प्राचीन बाबा दुखहरण नाथ मंदिर सैकड़ों वर्षों से शिव भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. सावन के महीने में प्रखंड के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

इसके अलावा, नैयाडीह पंचायत का ब्रह्म बाबा मंदिर भी लोगों की श्रद्धा से जुड़ा प्रमुख स्थल है. प्राकृतिक दृष्टि से धोबघट और नारोदह जैसे स्थान चकाई की पहचान हैं. पहाड़ियों के बीच बहती नदी और झरनों की कल-कल ध्वनि इस इलाके को मनमोहक बनाती है.

यह इलाका Jharkhand के देवघर, गिरिडीह और मधुपुर जैसे शहरों के नजदीक है, जिससे यहां की संस्कृति और राजनीति पर Jharkhand का असर भी देखा जा सकता है.

चकाई विधानसभा क्षेत्र का Political इतिहास 1962 से शुरू हुआ. अब तक हुए 15 विधानसभा चुनावों में यहां कई Political दलों ने जीत दर्ज की है. शुरुआती वर्षों में Samajwadi Party और संयुक्त Samajwadi Party का दबदबा रहा. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन-तीन बार जीत हासिल की. कांग्रेस ने दो बार, जबकि जनता दल, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और Jharkhand मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने एक-एक बार जीत दर्ज की.

पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में चकाई की जनता ने पारंपरिक दलों को झटका देते हुए निर्दलीय उम्मीदवार सुमित कुमार सिंह को अपना प्रतिनिधि चुना. उस चुनाव में राजद दूसरे और जदयू तीसरे स्थान पर रही थी.

इस बार चकाई विधानसभा सीट पर 10 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है, लेकिन मुख्य लड़ाई राजद और जदयू के बीच मानी जा रही है. राजद ने सावित्री देवी को उम्मीदवार बनाया है. जदयू ने सुमित कुमार सिंह पर भरोसा जताया है. वहीं, जन स्वराज पार्टी के उम्मीदवार राहुल कुमार ने चुनावी मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है.

चकाई विधानसभा क्षेत्र में Jharkhand की निकटता के कारण अनुसूचित जनजाति (एसटी) की अच्छी-खासी आबादी है. इसके साथ ही मुस्लिम, रविदास और राजपूत समुदायों की संख्या भी प्रभावशाली मानी जाती है.

डीसीएच/डीकेपी