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चेन्नई, 5 नवंबर . करूर भगदड़ हादसे को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच डीएमके और टीवीके आमने-सामने आ गए हैं. घटना में 41 लोगों की मौत के बाद टीवीके प्रमुख विजय द्वारा Government पर लगाए गए आरोपों पर डीएमके ने प्रतिक्रिया दी है.
डीएमके प्रवक्ता टीकेएस इलंगोवन ने कहा कि इतनी बड़ी त्रासदी के बाद एक जिम्मेदार Government का पहला कर्तव्य होता है कि वह सच का पता लगाए.
उन्होंने कहा, “जब भगदड़ में 41 लोगों की मौत हुई, तो हमारा दायित्व था कि यह पता लगाया जाए कि ऐसा क्यों हुआ और कैसे हुआ. इसी उद्देश्य से हमने एक आयोग का गठन किया है. आयोग की भूमिका है कि वह पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करे और तथ्य सामने लाए. हमने वही किया है, जो एक संवेदनशील Government को करना चाहिए.”
इलंगोवन ने टीवीके प्रमुख के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “अगर कोई चाहता है कि इस मामले की जांच राज्य Government न करे, तो इसकी एक ही वजह हो सकती है कि वे डर रहे हैं कि उनके द्वारा की गई गलतियां उजागर न हो जाएं.”
टीवीके प्रमुख विजय ने Wednesday को महाबलीपुरम में प्रेस वार्ता के दौरान Government द्वारा राजनीति किए जाने का आरोप लगाया. विजय ने कहा कि करूर की घटना में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, वे भारी दर्द और सदमे से गुजर रहे हैं.
हमने इस दुख की घड़ी में कोई Political बयानबाजी नहीं की. हम चुप रहे, लेकिन इसके बावजूद सत्ताधारी पार्टी ने लगातार हमले किए और विधानसभा में हमारे खिलाफ उकसाने वाली बातें कही गईं.
विजय ने Chief Minister एमके स्टालिन के 15 अक्टूबर के भाषण को ‘शत्रुतापूर्ण’ बताया. उन्होंने कहा, “Chief Minister अक्सर दावा करते हैं कि वे राजनीति से ऊपर उठकर काम करते हैं, लेकिन उनके भाषण में हमारे प्रति अत्यधिक वैमनस्यता थी. इस दुख की घड़ी में हम पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है.”
करूर भगदड़ मामले ने तमिलनाडु की राजनीति को दो ध्रुवों में बांट दिया है. एक ओर Government द्वारा गठित जांच आयोग पर जोर दिया जा रहा है, तो दूसरी ओर टीवीके इसे Political प्रतिशोध और संवेदनहीनता बता रही है.
–आईएएएनएस
वीकेयू/वीसी