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New Delhi, 5 नवंबर . India के विदेश मंत्री एस जयशंकर 8वें भारत-जापान हिंद-प्रशांत फोरम में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान विदेश मंत्री ने India और जापान के संबंधों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पिछले दशकों में India और जापान के बीच के संबंध और भी गहरे हुए हैं.
India के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “मुझे इस संवाद के नवीनतम संस्करण को एक बार फिर संबोधित करते हुए खुशी हो रही है. दिल्ली पॉलिसी ग्रुप और जापान इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स को मेरी बधाई. हमारी साझेदारी, जो पिछले दशकों में पहले से कहीं अधिक एक-दूसरे पर निर्भर रही है, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता को बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर आर्थिक स्थिरता में योगदान देने का काम करती है. एक स्वतंत्र और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखना एक मजबूत तुलनात्मक और साथ ही एक जटिल चुनौती भी है.”
उन्होंने आगे कहा, “बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप एक द्विपक्षीय संबंध, जो विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने में परिलक्षित होता है. Prime Minister मोदी और Prime Minister ताकाइची के बीच पदभार ग्रहण करते ही हुई हालिया बातचीत इस बात का प्रमाण है कि दोनों इसे कितनी प्राथमिकता देते हैं. अगस्त में Prime Minister मोदी की जापान यात्रा ने अगले दशक के संयुक्त दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण रूप से रेखांकित किया. अगले 10 वर्षों में 10 ट्रिलियन येन का निवेश लक्ष्य है.”
उन्होंने आगे कहा, “भविष्य में, भारत-जापान साझेदारी को अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टरों, महत्वपूर्ण खनिजों, स्वच्छ ऊर्जा और अंतरिक्ष में निवेश करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. दो प्रमुख लोकतंत्रों और समुद्री राष्ट्रों के रूप में, India और जापान की हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति बड़ी जिम्मेदारी है. हिंद-प्रशांत महासागर पहल हमारे योगदान को आगे बढ़ाने की क्षमता रखती है.”
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने Tuesday को New Delhi में अपने इजरायली समकक्ष गिदोन सार के साथ बैठक की. इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और गाजा शांति योजना सहित क्षेत्र के विकास पर चर्चा हुई.
इस मुलाकात को लेकर social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “आज New Delhi में इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार के साथ एक शानदार बैठक हुई. विभिन्न क्षेत्रों में हमारी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर उपयोगी चर्चा हुई. आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति हमारी शून्य सहनशीलता की पुष्टि की. क्षेत्र के विकास, गाजा शांति योजना और एक स्थायी समाधान बनाने के प्रयासों पर इजरायली दृष्टिकोण साझा करने के लिए विदेश मंत्री सार की सराहना करता हूं. बहुपक्षीय मंचों पर हमारे सहयोग पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस और इजरायल के विदेश मंत्रालय के बीच प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन के आदान-प्रदान के साक्षी बने.”
इजरायली विदेश मंत्री सार ने कहा कि उन्होंने और विदेश मंत्री जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों और आतंकवाद के आपसी खतरे पर चर्चा की. उन्होंने New Delhi में शानदार मेहमान नवाजी के लिए विदेश मंत्री जयशंकर का धन्यवाद किया.
गिदोन सार ने एक्स पर पोस्ट किया, “मैं अपने मित्र India के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को New Delhi में उनकी मेहमान नवाजी के लिए धन्यवाद देता हूं. हमने द्विपक्षीय संबंधों और आतंकवाद के आपसी खतरे पर उपयोगी चर्चा की. मैंने जोर देकर कहा कि हमास आतंकवादी राज्य को खत्म करना ट्रंप योजना के केंद्र में है और हम इससे कोई समझौता नहीं करेंगे. इजरायल एक क्षेत्रीय महाशक्ति और एक फलता-फूलता लोकतंत्र है. India एक वैश्विक महाशक्ति, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. हमारा लक्ष्य हमारे देशों के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी बनाना है. हम इसे पूरा करेंगे.”
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केके/एएस