नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दूसरी बार सफल कैलीब्रेशन फ्लाइट ट्रायल, सभी सिस्टम मिले दुरुस्त

नोएडा, 4 नवंबर . यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट एक और बड़ी उपलब्धि की ओर बढ़ गया है. यहां दूसरी बार कैलीब्रेशन फ्लाइट ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया गया. रनवे के दोनों छोर से हुए इस विशेष परीक्षण में तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने कई अहम एविशन सिस्टम्स को परखा. परीक्षण के बाद प्राप्त रिपोर्टों में सभी सिस्टम पूर्ण रूप से सुरक्षित बताए जा रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, कैलीब्रेशन फ्लाइट ने एयरपोर्ट पर मौजूद आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम), नेविगेशन, कम्युनिकेशन और रडार सिस्टम की वास्तविक परिस्थितियों में जांच की. इस दौरान विमान ने रनवे पर कई बार लैंडिंग एप्रोच बनाते हुए ऊंचाई, दिशा, आवृत्ति, विजिबिलिटी और अन्य तकनीकी मापदंडों को जांचा.

परीक्षण में मौजूद विशेषज्ञों ने बताया कि सभी सिस्टम आधुनिक स्तर के हैं और इंटरनेशनल फ्लाइट ऑपरेशन के मानकों पर पूरी तरह खरे उतरते हैं. इससे पहले भी एयरपोर्ट पर एक चरण का कैलीब्रेशन ट्रायल सफलतापूर्वक किया जा चुका है. दूसरी बार हुई यह परीक्षण उड़ान इसलिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसके बाद सबसे अहम प्रक्रिया डीजीसीए (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) द्वारा एरोड्रम लाइसेंस जारी की जाएगी. यह लाइसेंस मिलने के बाद एयरपोर्ट से वास्तविक उड़ानों का रास्ता साफ हो जाएगा.

अधिकारियों का कहना है कि परीक्षण रिपोर्ट बहुत सकारात्मक रही है. एयरपोर्ट के कंट्रोल टावर, रनवे लाइटिंग, कम्युनिकेशन नेटवर्क, सेफ्टी सिस्टम और इमरजेंसी सिस्टम की भी जांच की गई. अब डीजीसीए की टीम अंतिम दस्तावेजी प्रक्रिया और निरीक्षण के बाद औपचारिक लाइसेंस जारी कर सकती है.

एयरपोर्ट निर्माण एजेंसी और उत्तर प्रदेश Government ने इसे राष्ट्रीय स्तर का प्रोजेक्ट बताया है. अनुमान है कि एरोड्रम लाइसेंस जारी होते ही यहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की तैयारियों को तेज गति मिलेगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन शुरू होने से ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की सूची में उत्तर प्रदेश की बड़ी छलांग होगी. आने वाले समय में यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर के एयर ट्रैफिक का बड़ा दबाव कम करेगा और हजारों रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगा.

पीकेटी/एएसएच