पराली जलाना शौक नहीं, हमारी मजबूरी : किसान मजदूर संघर्ष कमेटी जिला नेता हरबिंदरजीत सिंह कंग

तरनतारन, 22 अक्टूबर . पंजाब के तरनतारन में पराली जलाने के मुद्दे पर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने कड़ा रुख अपनाया है. कमेटी के जिला नेता हरबिंदरजीत सिंह कंग ने स्पष्ट कहा है कि किसान न तो प्रदूषण फैलाना चाहते हैं और न ही पराली को आग लगाना चाहते हैं, लेकिन ऐसा करना उनकी मजबूरी है.

किसान नेता हरबिंदरजीत सिंह कंग ने से बात करते हुए कहा, “किसान कभी भी प्रदूषण नहीं फैलाना चाहते या पराली नहीं जलाना चाहते, और अगर सुविधाएं उपलब्ध कराए जाएं तो ऐसी हरकतें अनावश्यक हो जाएंगी.

उन्होंने कहा कि Government जीएनटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) और Supreme court के निर्देशों का पालन नहीं कर रही है. किसानों को पराली को मैनेज करने के लिए 6000 रुपए का बोनस या धान बोनस देने की बात हुई थी, जिसका पालन नहीं किया गया. इसके बजाय, किसानों को धमकाया जा रहा है और उन पर केस दर्ज किए जा रहे हैं.

हरबिंदरजीत सिंह कंग ने Government से कहा कि किसान न तो कल केस से डरे थे और न ही आज डरेंगे. अगर पराली जलाना मजबूरी है, तो या तो उनके भरण-पोषण की सभी शर्तें पूरी की जाएं, या किसानों पर जुर्माना न लगाया जाए और न ही रेड एंट्री की जाए.

उन्होंने कहा कि हम लोग किसान और मजदूर संगठनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. किसी भी किसान को परेशान नहीं होने देंगे. Government अगर कोई उपाय करे तो हम लोग इस पराली को न जलाएं.

हरबिंदरजीत सिंह कंग ने कहा कि हर साल Government किसानों से कई वादे करती है, लेकिन उनको पूरा नहीं करती है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. आज किसानों की परेशानी समझने वाला यहां कोई नहीं है.

किसान नेताओं ने कहा कि किसान और मजदूर संगठनों ने प्रस्ताव पारित किया है कि पराली को आग लगाना मजबूरी है. जब वे एसडीएम या डीसी से बेलर (पराली संभालने की मशीन) की मांग करते हैं तो वे मना कर देते हैं, लेकिन Police प्रशासन, राजस्व और अन्य विभागों की ड्यूटी किसानों पर केस दर्ज करने में लगा दी गई है.

एसएके/एएस