कर्नाटक: आरएसएस की 2 नवंबर को चित्तपुर शहर में शताब्दी पदयात्रा, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दी हरी झंडी

कलबुर्गी, 20 अक्टूबर . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने Monday को कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के कमिश्नर को एक नया आवेदन दिया है, जिसमें कर्नाटक उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद 2 नवंबर को चित्तपुर शहर में अपनी शताब्दी पदयात्रा आयोजित करने की अनुमति मांगी गई है. वहीं, कर्नाटक हाईकोर्ट ने शताब्दी यात्रा की अनुमति दे दी है.

चित्तपुर का प्रतिनिधित्व राज्य के ग्रामीण विकास, सूचना प्रौद्योगिकी और ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खड़गे कर रहे हैं, जो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र भी हैं.

कमिश्नर के न उपलब्ध होने का हवाला देते हुए, आरएसएस प्रतिनिधिमंडल व्यक्तिगत रूप से याचिका प्रस्तुत नहीं कर सका, जिसके बाद वरिष्ठ पदाधिकारियों ने ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से आवेदन भेजा.

आरएसएस पदाधिकारी अशोक वी पाटिल ने औपचारिक आवेदन में उच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला दिया. उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर कार्यालय और कमिश्नर के आधिकारिक आवास पर जाने के बावजूद उन्हें आवेदन जमा करने का मौका नहीं मिला.

कर्नाटक उच्च न्यायालय की कलबुर्गी पीठ ने आरएसएस को 2 नवंबर को चित्तपुर में पदयात्रा आयोजित करने की अनुमति दी है. न्यायालय ने आयोजकों को नया आवेदन दाखिल करने और राज्य Government को उस पर विचार करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी.

यह याचिका आरएसएस नेता अशोक पाटिल ने अधिकारियों की ओर से पहले अनुमति देने से इनकार करने को चुनौती देते हुए दायर की थी. न्यायमूर्ति एमजीएस कमल की पीठ ने इस पर सुनवाई की.

याचिकाकर्ता के वकील अरुण श्याम ने बताया कि आवेदन पहले Police और फिर कार्यकारी मजिस्ट्रेट को दिया गया था, लेकिन 19 अक्टूबर को खारिज कर दिया गया.

Government के वकील ने कानून-व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए इनकार को उचित ठहराया, क्योंकि भीम आर्मी और दलित पैंथर्स जैसे संगठनों ने भी उसी दिन जुलूस की अनुमति मांगी थी. इस पर उच्च न्यायालय ने Government को विभिन्न जुलूसों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करने का निर्देश दिया था और यह भी कहा था कि आरएसएस ने बिना किसी अप्रिय घटना के राज्य भर में 250 स्थानों पर पैदल मार्च निकाले थे.

इससे पहले, 19 अक्टूबर को होने वाली पदयात्रा के लिए अधिकारियों ने चित्तपुर में लगाए गए भगवा झंडे, बैनर और पताकाएं हटा दी थीं. प्रियांक खड़गे के पत्र के बाद, निजी संगठनों द्वारा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य करने का आदेश जारी किया गया था.

-एसएके