New Delhi, 20 अक्टूबर . विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दीपावली को सामाजिक एकता, सद्भाव और धर्म की विजय का प्रतीक बताया.
उन्होंने कहा कि यह पर्व अंधकार पर प्रकाश और अधर्म पर धर्म की जीत का उत्सव है, जो समाज के हर वर्ग को आनंद और उत्साह से भर देता है.
विनोद बंसल ने कहा, “दीपावली वह त्योहार है, जिसमें हर मन और मस्तिष्क ईश्वर के प्रति भक्ति, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा से ओतप्रोत हो जाता है. यह पर्व भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपराओं को दर्शाता है, जो हमें एकजुटता और सद्भाव का संदेश देता है.”
उन्होंने कहा कि दीपावली न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करती है. यह वह समय है, जब लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियां साझा करते हैं. यह त्योहार हमें अच्छाई की जीत का संदेश देता है और समाज में प्रेम, भाईचारे और समृद्धि को बढ़ावा देता है. दीपावली जैसे पर्व हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करना सिखाते हैं और समाज में एकता और सकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वो इस दीपावली पर न केवल अपने घरों को, बल्कि मन को भी प्रेम और सद्भाव के दीपों से रोशन करें.
विनोद बंसल ने कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और सनातन धर्म को लेकर चल रहे विवाद पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कर्नाटक के Chief Minister सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि जिस Chief Minister के माता-पिता के नाम में ‘राम’ है, पत्नी का नाम ‘पार्वती’ है और जो खुद सिद्धारमैया कहलाता है, वह लोगों को सनातनियों की संगति से दूर रहने की सलाह देता है. उनके मंत्रिमंडल के मंत्री सनातन को डेंगू और मलेरिया की तरह खत्म करने की बात करते हैं और आरएसएस व बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की धमकी देते हैं. यह कैसी मानसिकता है?”
विनोद बंसल ने चेतावनी दी कि सनातन धर्म और उससे जुड़े संगठनों के खिलाफ ऐसी बयानबाजी नेताओं को जनता से दूर कर सकती है.
उन्होंने कहा, “वे सनातन से जितना दूर जाएंगे, उनके मतदाता उनसे उतने ही दूर होते जाएंगे. यह बात उन्हें समझनी होगी.”
–
एकेएस/एबीएम