Lucknow, 19 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) प्रदूषण को कम करने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है. बोर्ड के अध्यक्ष रवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बोर्ड जन जागरूकता अभियान चला रहा है, ताकि लोग प्रदूषण नियंत्रण के प्रति जागरूक हों और ग्रीन पटाखों का उपयोग करें.
उन्होंने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने की अपील की है.
रवींद्र प्रताप सिंह ने कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को कम करना है. इसके लिए हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे केवल ग्रीन पटाखों का उपयोग करें. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सक्रिय रूप से जन जागरूकता पैदा कर रहा है. हम ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल के दिशानिर्देशों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कर रहे हैं. हमारी मुख्य अपील है कि लोग केवल ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल करें. समूह में एक स्थान पर पटाखे जलाने से प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, पटाखों से उत्पन्न धूल को कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए. ग्रीन पटाखों के उपयोग और कूड़ा प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाने से उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी.”
उन्होंने कूड़े के ढेर को जलाने से बचने और उसे नगर निगम के कूड़ा वाहनों के हवाले करने की सलाह दी.
रवींद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बोर्ड विभिन्न स्थानीय निकायों जैसे नगर निगम, विकास प्राधिकरण और परिवहन आयुक्त के साथ समन्वय कर रहा है. जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से लोगों को कूड़ा निस्तारण और साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है. सड़कों की सफाई ‘वेट क्लीनिंग’ के जरिए की जानी चाहिए, क्योंकि यह प्रदूषण को नियंत्रित करने में प्रभावी है. खासकर इस मौसम में, जब प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है, ऐसी पहल जरूरी हैं.
उन्होंने कहा, “हम प्रदूषण के स्रोतों को कम करने पर ध्यान दे रहे हैं. सड़कों की नियमित वेट क्लीनिंग और कूड़े का उचित निस्तारण इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. बोर्ड ने लोगों से अपील की है कि वे प्रदूषण कम करने के लिए सामूहिक प्रयास करें और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें.”
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एकेएस/वीसी