New Delhi, 17 अक्टूबर . डेलॉइट के प्रिंसिपल और ग्लोबल एआई लीडर नितिन मित्तल ने Friday को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भले ही उद्योगों में तेजी से बदलाव ला रहा हो, लेकिन इस टेक्नोलॉजी द्वारा कम से कम अभी तक तो नौकरी छीनने का काम नहीं किया गया है.
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में द लास्ट जॉब? एआई एंड द फ्यूचर ऑफ वर्क शीर्षक वाले एक सत्र में मित्तल ने कहा कि उनके द्वारा अभी तक एआई के कारण एक भी नौकरी जाने का मामला नहीं देखा गया है.
यह बताते हुए कि उभरती टेक्नोलॉजी जैसे कि एजेंटिक एआई किस प्रकार वर्क पैटर्न को एक नया आकार दे रही हैं उन्होंने कहा, “एआई की वजह से नौकरी जाने का मुझे अभी तक एक भी वाक्या सुनने में नहीं आया.”
उन्होंने बताया कि बार-बार कोडिंग की आवश्यकता वाले कुछ रोल जरूर एआई की वजह से प्रभावित हुए हैं, लेकिन ये रोल गायब होने के बजाय विकसित हो रहे हैं.
मित्तल ने कहा, कोडिंग एक परफेक्ट उदाहरण है. वे नौकरियां व्हाइट कोडिंग हैं, जो इंसानों द्वारा की जाने वाली हैं और प्रभावित हुई है. विशेष रूप से एजेंटिक एआई और निकट भविष्य में, फिजिकल एआई नौकरियों पर प्रभाव डालेगा. लेकिन मुझे एक भी ऐसी नौकरी नहीं मिली है जो एआई के कारण चली गई हो.”
मित्तल ने एजेंटिक एआई को ऑटोनॉमस सिस्टम बताया जो कम से कम मानवीय हस्तक्षेप के साथ अपने लक्ष्य निर्धारित कर सकती हैं, योजना बना सकती हैं और कार्य कर सकती हैं.
उन्होंने सॉवरेन एआई के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो न केवल डेटा की सुरक्षा करता है, बल्कि राष्ट्र की संस्कृति और भाषा को भी संरक्षित करता है.
जब मित्तल से पूछा गया कि India कैसे सुनिश्चित कर सकता है कि वह ग्लोबल एआई क्रांति में एक बैक ऑफिस न बना रह जाए तो इस पर उन्होंने कहा कि देश अपने मजबूत सेवा क्षेत्र के कारण पहले से ही एक स्वाभाविक लाभ का आनंद ले रहा है.
मित्तल ने कहा, ” India के पास अपने सर्विस सेक्टर के कारण एआई में टेक्नोलॉजी को लागू करने का एक प्रमुख और स्वाभाविक लाभ है. लेकिन सवाल यह है कि हम इसका लाभ कैसे उठाएं? इसके लिए बड़े पैमाने पर रि-स्किलिंग और निवेश की आवश्यकता है.”
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि India Government ने एआई-केंद्रित कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, लेकिन समग्र समाज को इस बदलाव को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी लेनी होगी.
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एसकेटी/