तिरुवनंतपुरम, 17 अक्टूबर . सबरीमाला सोना चोरी मामले की जांच मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी की गिरफ्तारी के साथ एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर गई है.
पोट्टी को राज्य की राजधानी स्थित अपराध शाखा कार्यालय में 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद Thursday सुबह गिरफ्तार कर लिया गया.
उनकी गिरफ्तारी से सबरीमाला में द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों और श्रीकोविल के कट्टिलापड्डी (दहलीज) से सोने की चोरी के मामले में पहली सफलता मिली है.
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पोट्टी के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, जिन पर कथित तौर पर एक प्रायोजक की आड़ में मंदिर से सोने की तस्करी करने का आरोप है.
दोनों First Information Report में एसआईटी ने 10 लोगों को आरोपी बनाया है, जिसमें पोट्टी का नाम दोनों First Information Report में है और वह मुख्य आरोपी है.
अनुमान है कि इस चोरी में 475 ग्राम सोना शामिल है. जांचकर्ताओं ने पाया कि चढ़ाने के लिए केवल तीन ग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया था, पोट्टी ने बाकी सोने का गबन कर लिया.
उन्होंने कथित तौर पर इसी काम के लिए Bengaluru में दो व्यक्तियों से भी पैसे एकत्र किए.
अब संदेह का दायरा बढ़ गया है और इसमें त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हो गए हैं.
16 फरवरी, 2019 को तत्कालीन सबरीमाला कार्यकारी अधिकारी ने गर्भगृह संरचना की स्वर्ण-चढ़ी हुई तांबे की चादरों को पुनः सोने की परत चढ़ाने के लिए पोट्टी को सौंपने की सिफारिश की.
हालांकि, जब प्रस्ताव आयुक्त के पास पहुंचा, तो इसमें शब्दों को बदल दिया गया. इसमें से ‘सोने की परत’ वाले हिस्से को हटाकर सिर्फ ‘तांबे की चादरें’ लिखा गया.
आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और सहायक अभियंता सभी को गंभीर चूक के लिए नामित किया गया है.
एसपी शशिधरन के नेतृत्व में एसआईटी ने तिरुवनंतपुरम में लगभग 2.30 बजे गिरफ्तारी दर्ज की और पोट्टी को मेडिकल जांच के लिए ले गई.
उन्हें बाद में पथानामथिट्टा में रन्नी अदालत में पेश किया जाएगा.
दोनों चोरियों के लिए अलग-अलग First Information Report दर्ज की गई हैं, जिनमें से एक में देवस्वोम बोर्ड को आठवां आरोपी बनाया गया है.
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार के आरोप लगने की उम्मीद है.
जांचकर्ताओं ने पोट्टी और स्मार्ट क्रिएशंस नामक एक निजी फर्म के बीच संबंधों का भी पता लगाया है, जो कथित तौर पर सोने की परत चढ़ाने के काम में शामिल है.
सतर्कता रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सोना श्रद्धालुओं के चढ़ावे से नहीं, बल्कि Bengaluru और Mumbai से लाया गया था. एसआईटी अब बड़ी साजिश और मंदिर प्रशासन के अंदरूनी लोगों की संलिप्तता की जांच कर रही है.
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एकेएस/एएस