New Delhi, 14 अक्टूबर . इंडोनेशियाई President प्रबोवो सुबियांतो और अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप 13 अक्टूबर को मिस्र में थे. गाजा में स्थायी शांति को लेकर बुलाए शिखर सम्मेलन में दुनिया के कई नामचीन राष्ट्राध्यक्षों के साथ शामिल हुए. कुछ पल के लिए दोनों साथ दिखे. इस दौरान हॉट माइक ने कुछ ऐसा पकड़ लिया जिसे शायद वो दुनिया को बताना नहीं चाहते होंगे. इसके बाद हॉट माइक संवाद फिर चर्चा में आ गया है. यह छोटा-सा उपकरण कई बार बड़ी कूटनीतिक हलचलें पैदा कर चुका है. ऐसे ही मौकों ने साबित किया है कि कभी-कभी ऑफ कैमरा संवाद सामने आकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विचित्र मोड़ दे देते हैं.
दरअसल, प्रबोवो ट्रंप से गुहार लगाते दिखे कि वो उनके बेटे से बात करना चाहते हैं. इसमें उन्होंने एक ऐसे स्थल का भी जिक्र किया जो सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं है. ये बात किस संदर्भ में थी इसे लेकर अटकलबाजियों का दौर जारी है.
कूटनीति की दुनिया में ऐसे हाव-भाव और टिप्पणियां निजी मानी जाती हैं, लेकिन जब माइक चालू रह जाए, तो ‘निजी’ का कवच टूट जाता है. यही हॉट माइक का खतरा है—यह सच्चे विचारों को अनायास दुनिया के सामने ले आता है.
यह पहली बार नहीं है. हॉट माइक ने पहले भी कई राज खोले हैं. 2006 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश और टोनी ब्लेयर की बातचीत जी-8 समिट में रिकॉर्ड हो गई थी, जिसमें बुश ने संयुक्त राष्ट्र और मध्य पूर्व पर कुछ ऐसे शब्द कह दिए थे जो सार्वजनिक रूप से कभी नहीं बोले जाते.
2011 में फ्रांस के President निकोलस सरकोजी और बराक ओबामा इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को लेकर निजी राय दे बैठे. सरकोजी ने कहा, “मैं उन्हें बर्दाश्त नहीं कर सकता,” और ओबामा ने उत्तर दिया, “तुम थक गए हो, मैं उससे हर दिन निपटता हूं.” यह बातचीत प्रेस ऑडियो चैनल पर लाइव थी.
ऐसा ही कुछ 2014 में हुआ. यूरोपीय यूनियन की विक्टोरिया नूलैंड ने यूक्रेन पर चर्चा करते हुए अमेरिका की परेशानियों पर एक ऐसा वाक्य कह दिया, जिसने पूरा राजनयिक माहौल असहज कर दिया.
इसी साल बीजिंग में तीन सितंबर को भी ऐसा ही कुछ हुआ. चीन की विक्ट्री परेड के दौरान पुतिन और जिनपिंग के बीच की हॉट माइक बातचीत रिकॉर्ड हो गई. दोनों की यह बातचीत बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर की ओर जाते समय की थी. इस बातचीत में दोनों बायोटेक्नोलॉजी और ऑर्गन ट्रांसप्लांट के जरिए मानव आयु बढ़ाने और संभावित अमरता पर चर्चा करते दिखे थे.
इस दौरान जिनपिंग ने मंदारिन भाषा में कहा कि पहले लोग मुश्किल से 70 साल जी पाते थे, लेकिन आजकल 70 की उम्र में भी इंसान को बच्चा समझा जाता है. कुछ लोगों का अनुमान है कि इस सदी में मनुष्य 150 साल तक जीवित रह सकते हैं.
इस पर पुतिन कहते हैं कि बायोटेक्नोलॉजी के विकास के साथ मानव अंगों का लगातार प्रत्यारोपण संभव है. आप जितने लंबे समय तक जीवित रहेंगे, उतने ही युवा होते जाएंगे और शायद अमरता भी प्राप्त कर सकते हैं.
हॉट माइक क्षण भले शर्मिंदगी लाते हैं, लेकिन यही पल दुनिया को असल Political सोच की झलक देते हैं.
आज जब हर प्रेस कॉन्फ्रेंस, हर शिखर बैठक में दर्जनों कैमरे और रिकॉर्डर मौजूद हैं, तब “माइक बंद है” का भरोसा सबसे बड़ी भूल साबित हो सकता है. हॉट माइक सिर्फ गलतियों का यंत्र नहीं, बल्कि कभी-कभी ‘सच की अनायास झलक’ भी होता है.
ट्रंप और इंडोनेशियाई President का ताजा प्रकरण भी वैसा ही सच उजागर करता है. जो बयान प्रेस रिलीज में नहीं लिखा जाता, वही हॉट माइक में सुनाई देता है.
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केआर/