गुना, 13 अक्टूबर . Madhya Pradesh के गुना में हुए हादसे में दो साल की मासूम ने अपने माता-पिता को खो दिया है. इस घटना के बाद, सांसद और केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मासूम का भविष्य संवारने के लिए हाथ बढ़ाया है.
दरअसल, पिछले दिनों गुना में हुए एक हादसे में पति-पत्नी की मौत हो गई थी और उनकी दो साल की बच्ची तान्या कुशवाहा अनाथ हो गई. इस बात की जानकारी जब मंत्री सिंधिया को लगी तो उन्होंने उसका भविष्य सुखमय बनाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना खाता खुलवाकर उसे 21 वर्षों तक की आर्थिक सुरक्षा का कवच प्रदान किया. इस सुकन्या समृद्धि खाते से बच्ची की उम्र 21 वर्ष होने पर उसे 5 लाख 54 हजार रुपए का आर्थिक संबल मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि Friday को गुना में आकाशवाणी के पास प्रियंका और दीपक कुशवाह की सड़क हादसे में असमय मृत्यु हो गई, जिससे उनकी 2 वर्षीय मासूम बेटी तान्या अनाथ हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही सिंधिया ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को निर्देश देकर बिटिया का खाता खुलवाया और धनराशि जमा करने की घोषणा की. Union Minister सिंधिया ने न केवल खाता खुलवाया, बल्कि यह ऐतिहासिक घोषणा की है कि वह अपनी ओर से बच्ची के नाम इस खाते में 21 वर्ष की आयु तक हर वर्ष 12 हजार रुपए की राशि जमा करेंगे.
इस पहल के परिणामस्वरूप, 21 वर्ष की अवधि के बाद बच्ची को ब्याज सहित 5 लाख 54 हजार रुपए की कुल मैच्योरिटी राशि प्राप्त होगी, जो उसकी उच्च शिक्षा या विवाह के समय एक बड़ी और सुनिश्चित आर्थिक सहायता बनेगी. सिंधिया ने कहा कि मासूम बिटिया जिस उम्र में अपने माता-पिता का हाथ थामकर चलना सीख रही थी, आज उसी उम्र में उसका सहारा छिन गया है. एक पिता होने के नाते मैं उसका दर्द महसूस कर सकता हूं. यह राशि केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह उस बिटिया के हौसले और भविष्य की उम्मीद को टूटने न देने का एक संकल्प है, ताकि अब इस बिटिया को किसी भी तरह का डर न रहे.
सिंधिया ने कहा कि कुछ लोग केवल बातें करते रहते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की संस्कृति में कहना नहीं, करके दिखाना निहित है. उन्होंने उन नेताओं पर करारा निशाना भी साधा जो इस दुखद समय पर राजनैतिक बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब किसी गरीब या असहाय के जीवन में संकट आता है, तब कुछ लोग केवल टिप्पणियां कर अपनी राजनीति को चमकाने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमने इस बच्ची के लिए सिर्फ सांत्वना नहीं दी, बल्कि उसका भविष्य सुनिश्चित किया है और उसका दायित्व उठाया है.
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एसएनपी/पीएसके