कोलकाता, 12 अक्टूबर . पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है. भाजपा समेत कई Political दलों ने इस घटना को लेकर राज्य की ममता बनर्जी Government पर निशाना साधा है.
घटना के बाद Chief Minister और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के उस बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि निजी मेडिकल कॉलेजों से अपेक्षा की जाती है कि रात में लड़कियों को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाए.
भाजपा ने ममता के बयान को असंवेदनशील और पीड़िता को दोषी ठहराने वाला करार दिया है. वहीं, सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आप मुझसे एक सवाल पूछते हैं, और जब मैं जवाब देती हूं तो मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है और संदर्भ से बाहर ले जाया जाता है.
उन्होंने कहा कि मेरे साथ यह घटिया राजनीति न करें. दूसरों के विपरीत, मुझमें आपसे मिलने और सीधे बात करने की शालीनता है. दूसरे तो बस पहले से तय सवालों का जवाब देते हैं.
इससे पहले टीएमएस प्रमुख ममता बनर्जी ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस घटना की निंदा की. ममता बनर्जी ने लिखा कि दुर्गापुर की घटना से मैं स्तब्ध हूं. बंगाल में महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध को अत्यंत गंभीरता से लिया जाता है. पीड़िता एक निजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा थी. जांच जारी है और Police सक्रिय रूप से इसमें शामिल सभी लोगों की तलाश कर रही है. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. दोषी पाए जाने वालों को सजा दी जाएगी. लड़की के बयान के आधार पर तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
वहीं, टीएमएसी ने ‘एक्स’ पर लिखा कि हर बार जब कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना सुर्खियों में आती है, भाजपा सबसे आगे होती है, कार्रवाई करने के लिए नहीं, बल्कि उसका Politicalरण करने के लिए. उसे उपदेश देने और उसे नारों में ढालने के लिए. फिर भी, उनके अपने गृह मंत्रालय की एनसीआरबी 2023 रिपोर्ट ने उनके पसंदीदा झूठ का पर्दाफाश कर दिया है.
देश में पिछले साल महिलाओं के खिलाफ 4,48,211 अपराध दर्ज किए गए, जो एक दशक में सबसे ज्यादा हैं. भाजपा ‘बेटी बचाओ’ का नारा लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ती. फिर भी, उत्तर प्रदेश, Madhya Pradesh और बिहार, जो सभी भाजपा के गढ़ हैं, बलात्कार, अपहरण, हमले और पॉक्सो मामलों में शीर्ष पर हैं.
जबकि पश्चिम बंगाल की ममता Government में कोलकाता लगातार चौथे वर्ष महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर के रूप में उभरा है और बंगाल न केवल आरोप-पत्र दायर करने की दरों में शीर्ष पर है, बल्कि यौन हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के लिए अपराजिता विधेयक का भी अग्रणी रहा है, एक ऐसा विधेयक जिसे भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र Government अभी तक पारित नहीं कर पाई है.
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एमएस/डीकेपी