New Delhi, 12 अक्टूबर . India और यूनाइटेड किंगडम की नौसेनाओं का द्विपक्षीय नौसैनिक युद्धाभ्यास ‘कोंकण’ का दूसरा और अंतिम चरण पूरा हो गया है. 12 अक्टूबर तक चला दोनों देशों के बीच यह एक बेहद महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक सामरिक युद्धाभ्यास था, जिसमें उच्च तीव्रता वाले नौसैनिक अभियान भी शामिल रहे. इस वर्ष के अभ्यास की एक बड़ी विशेषता यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की भागीदारी रही.
इस समूह में नॉर्वे और जापान की नौसेनाओं की भागीदारी ने इसे और अधिक गौरवशाली बनाया. इस युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना के स्वदेशी विमानवाहक पोत के नेतृत्व में कैरियर बैटल ग्रुप के साथ अन्य सतही, पनडुब्बी एवं एयर यूनिट्स ने भाग लिया.
दूसरे चरण में दोनों देशों की नौसेनाओं ने हार्बर फेज के तहत विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दिया. नौसेना के मुताबिक हार्बर फेज पूरे उत्साह और सहयोग के साथ किया गया. India और यूनाइटेड किंगडम की नौसेनाओं के बीच हो रहे इस अभ्यास का उद्देश्य समुद्री सहयोग, पारस्परिक समझ और पेशेवर तालमेल को सुदृढ़ करना था. यहां दोनों नौसेनाओं के कर्मियों के बीच व्यावसायिक गतिविधियां, क्रॉस डेक विजिट्स (जहाजों पर पारस्परिक भ्रमण), खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.
इसके साथ ही संयुक्त कार्य समूह की महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन भी किया गया. विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के विचार-विमर्श का भी आयोजन हुआ, जिससे दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच पेशेवर ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान हो सका.
नौसैनिक अभ्यास ‘कोंकण-2025′ का समुद्री चरण पहले ही संपन्न किया जा चुका है. समुद्री चरण में अत्याधुनिक सैन्य अभियानों और समुद्री सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियां आयोजित की गईं. इनमें एंटी-एयर, एंटी-सर्फेस और एंटी-सबमरीन युद्धाभ्यास, फ्लाइंग ऑपरेशन्स और अन्य सीमैनशिप इवोल्यूशन्स शामिल थे. दोनों देशों की नौसेनाओं ने समुद्र में अपने फ्रंटलाइन प्लेटफॉर्म्स तैनात किए, जिनमें विमानवाहक पोत, विध्वंसक, फ्रिगेट्स, पनडुब्बियां तथा हवाई साधन शामिल थे.
अब Sunday को दूसरा चरण पूरा होने के साथ ही India और यूनाइटेड किंगडम की नौसेनाओं ने द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘कोंकण-25’ को पूरा कर लिया है.
भारतीय समुद्री क्षेत्र में स्थित नौसैनिक डॉकयार्ड में दोनों देशों की सेनाओं ने क्रॉस-डेक विजिट आयोजित किए, जिनमें जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के पोत और भारतीय नौसेना के युद्धपोत के अधिकारियों एवं कर्मियों ने एक-दूसरे के जहाजों का दौरा किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न नौसेनाओं के बीच पीपल-टू-पीपल इंटरैक्शन और पेशेवर अनुभवों का आदान-प्रदान बढ़ाना रहा.
ब्रिटिश नौसेना के युद्धपोत ने इस अवसर पर रक्षा डिफेंस इंडस्ट्रियल कैपेबिलिटी शोकेस यानी रक्षा औद्योगिक क्षमता प्रदर्शन किया. यह एक ऐसा आयोजन था, जिसमें किसी देश की रक्षा निर्माण क्षमता, प्रौद्योगिकी कौशल और सैन्य उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित किया जाता है. इसमें India और ब्रिटेन के रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा की गई. इसके बाद जहाज पर एक डेक रिसेप्शन भी आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न देशों के नौसैनिक अधिकारियों और अतिथियों ने भाग लिया.
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जीसीबी/एसके