दुर्गापुर, 12 अक्टूबर . पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में कथित गैंगरेप की शिकार एमबीबीएस छात्रा से मिलने पहुंची भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी और अन्य नेताओं को Police ने अस्पताल के इमरजेंसी गेट पर रोक दिया. इमरजेंसी गेट पर ताला लगे होने के कारण लॉकेट चटर्जी गेट के बाहर धरने पर बैठ गईं और कहा कि जब तक उन्हें पीड़िता से मिलने की अनुमति नहीं मिलेगी, वे नहीं हटेंगी.
लॉकेट चटर्जी ने Police के रवैये पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, “Police अस्पताल के अंदर है, लेकिन हमें पीड़िता से मिलने नहीं दिया जा रहा है. यहां तालिबानी हुकूमत चल रही है. Police की मौजूदगी पीड़िता तक पहुंच को रोकने के लिए है.”
उन्होंने राज्य की Chief Minister ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि महिला Chief Minister होने के बावजूद दुर्गापुर में ऐसी घटना हुई, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए बलात्कार-हत्या मामले की याद दिलाती है. इस मामले में हुई तीन गिरफ्तारियां केवल दिखावा हैं और असल में अपराधियों को बचाने की कोशिश हो रही है.
उन्होंने ममता बनर्जी के उस बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि महिलाओं को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए. चटर्जी ने तंज कसते हुए कहा, “अगर ऐसा है तो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह रात में Pakistan कैसे गईं? आज पश्चिम बंगाल में एक महिला सीएम लोगों से बाहर न जाने के लिए कह रही हैं. यह पश्चिम बंगाल के लोगों की वर्तमान स्थिति है. पश्चिम बंगाल की महिलाएं इसका जवाब देंगी.”
उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी का शासन तालिबान या Pakistan जैसा है, जहां महिलाओं की स्वतंत्रता और सुरक्षा खतरे में है.
लॉकेट चटर्जी ने अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की स्थिति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “इमारत पर ‘इमरजेंसी’ का लेबल है, गेट बंद है. इसे 24 घंटे खुला रहना चाहिए. Police अंदर है, डॉक्टर बाहर. क्या यह ममता बनर्जी का शासन है?”
दुर्गापुर गैंगरेप मामले को लेकर लॉकेट चटर्जी ने आशंका जताई कि यह मामला भी आरजी कर मामले की तरह दबा दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, “आरजी कर मामले में लाखों लोग सड़कों पर उतरे, लेकिन कुछ नहीं हुआ. मामला सीबीआई को सौंपा गया, लेकिन बिना सबूत के सीबीआई क्या कर सकती है? यहां भी यही होगा, अपराधी छूट जाएंगे.”
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एकेएस/डीकेपी