New Delhi, 11 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्या ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा राज्य Government पर लगाए गए जातिवाद के आरोपों को लेकर कड़ा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केवल अपने Political हितों के लिए हर घटना को जातिवाद से जोड़ती है, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल अलग होता है.
बेबी रानी मौर्या ने बताया कि फतेहपुर जिले में 38 वर्षीय हरिओम वाल्मीकि की भीड़ द्वारा पिटाई के बाद मौत हो गई थी. घटना के बाद Police ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए जांच की और यह तथ्य सामने आया कि हरिओम को पीटने वालों में अधिकतर दलित और पिछड़े वर्ग के लोग ही शामिल थे. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इसके बावजूद राहुल गांधी ने इस घटना को जातिगत हिंसा और नफरत की राजनीति से जोड़ते हुए यूपी Government पर हमला बोला और social media पर भ्रामक जानकारी फैलाई.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस घटना को दलित उत्पीड़न से जोड़ दिया, जो कांग्रेस की ओछी मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर घटना में सुविधानुसार राजनीति ढूंढने की आदी हो चुकी है.
बेबी रानी मौर्या ने आगे कहा कि Supreme court में मुख्य न्यायाधीश से दुर्व्यवहार की घटना को भी कांग्रेस ने जातिगत रंग देने की कोशिश की, जबकि जांच में पाया गया कि आरोपी वकील राकेश किशोर स्वयं दलित है. इसके बावजूद कांग्रेस ने उसे भाजपा से जोड़ने का असफल प्रयास किया.
इसी तरह, Haryana में एक वरिष्ठ Police अधिकारी की आत्महत्या की घटना को भी कांग्रेस ने भाजपा और आरएसएस से जोड़कर पेश किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी रायबरेली की घटना, Supreme court प्रकरण और Haryana में आत्महत्या के मामलों को जाति से जोड़कर समाज को भड़काने और झूठ फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
मौर्या ने कहा कि कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है. उन्होंने ना कभी दलितों के लिए, ना गरीबों के लिए, ना महिलाओं और ना बच्चों के लिए कोई काम किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र और उत्तर प्रदेश Governmentें ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के सिद्धांत पर काम कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जातिगत राजनीति और झूठ फैलाने की प्रवृत्ति उसकी अराजकतावादी और अवसरवादी सोच को दर्शाती है, जिसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है.
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पीआईएम/जीकेटी