बिहार चुनाव 2025: जमालपुर में बदलेगा सियासी मिजाज या कांग्रेस रखेगी सीट बरकरार?

Patna, 11 अक्टूबर . बिहार के मुंगेर जिले में स्थित जमालपुर विधानसभा क्षेत्र अपनी Political विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास के लिए जाना जाता है. 1951 में स्थापित यह क्षेत्र मुंगेर Lok Sabha सीट के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यहां मतदाता अलग-अलग विचारधाराओं वाले दलों को समर्थन देते आए हैं.

जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए 17 चुनावों में कई दलों ने अपनी जीत दर्ज की है. कांग्रेस ने इस सीट पर चार बार कब्जा जमाया, जिसमें 2020 की जीत 58 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद आई. जनता दल (यूनाइटेड) ने भी चार बार जीत हासिल की, जबकि जनता पार्टी और जनता दल ने दो-दो बार इस सीट पर परचम लहराया.

संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, भाकपा, भारतीय जनसंघ (वर्तमान में भाजपा), लोकदल और राजद ने एक-एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की. यह विविधता जमालपुर के मतदाताओं की खुली सोच और बदलते Political रुझानों को दर्शाती है.

कांग्रेस की जीत के पहले इस सीट पर 2005 से लेकर 2020 तक जदयू का कब्जा रहा.

जमालपुर, मुंगेर से मात्र 9 किलोमीटर दक्षिण में गंगा नदी के तट पर बसा हुआ एक छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण शहर है. इसे अक्सर मुंगेर का जुड़वां शहर कहा जाता है. अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, पहाड़ियों से घिरे सुहावने वातावरण और आध्यात्मिक महत्व के कारण जमालपुर ध्यान और शांति की तलाश करने वालों के लिए आदर्श स्थान माना जाता है.

जमालपुर का इतिहास प्राचीन मुंगेर से छोटा, लेकिन उतना ही महत्वपूर्ण है. 1862 में अंग्रेजों ने इसे एक रेलवे बस्ती के रूप में बसाया, जिसके केंद्र में प्रसिद्ध ब्रिटिशकालीन लोकोमोटिव वर्कशॉप स्थापित हुआ. यह वर्कशॉप आज भी जमालपुर की पहचान है. भारतीय यांत्रिक एवं विद्युत अभियांत्रिकी संस्थान की स्थापना ने इस शहर को तकनीकी और शैक्षिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण बनाया.

जमालपुर का सुहावना वातावरण और पहाड़ियों से घिरा प्राकृतिक सौंदर्य इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाता है. यहां का शांत माहौल शहर की भागदौड़ से दूर सुकून की तलाश करने वालों के लिए आदर्श है. ध्यान और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए यह स्थान विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है.

जमालपुर पहाड़ी पर स्थित काली पहाड़ और मां यमला काली मंदिर, जो महाIndia काल से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के कारण श्रद्धालुओं के बीच खासा प्रसिद्ध हैं, इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं. कहा जाता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान इस मंदिर में पूजा की थी, जिससे इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है.

जमालपुर के निकट स्थित मुंगेर किला विभिन्न राजवंशों के शासनकाल की गवाही देता है और क्षेत्र की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को दर्शाता है. यह किला गंगा नदी के दक्षिणी तट पर एक चट्टानी पहाड़ी पर स्थित है और गुलाम वंश के प्रारंभिक काल से जुड़ा हुआ माना जाता है.

डीसीएच/वीसी