भदोही: अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला शुरू, सीएम बोले-एक देश लगाएगा टैरिफ तो हम 10 रास्ते खोलेंगे

भदोही, 11 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने Saturday को भदोही में 49वें अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले और चौथे कार्पेट एक्सपो की शुरुआत की. इस दौरान Chief Minister ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से घबराने की जरूरत नहीं है. यह हमारे लिए नए अवसरों के द्वार खोलने का समय है.

उन्होंने देश-विदेश से आए कालीन उद्यमियों और निर्यातकों के साथ संवाद करते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि प्रदेश Government हर स्थिति में उनके साथ खड़ी है.

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जब भी चुनौतियां आती हैं, वे अपने साथ अवसर भी लाती हैं. अमेरिका ने टैरिफ लगाया है, लेकिन यह केवल एक देश का निर्णय है. हम यूएई, यूके और अन्य देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. आने वाले समय में ये समझौते हमारे उद्योगों के लिए नए बाजार खोलेंगे.”

उन्होंने बताया कि Government ने इस विषय पर एक हाई-लेवल कमेटी का गठन किया है जो टैरिफ से उत्पन्न स्थिति पर लगातार काम कर रही है. Chief Minister ने कहा कि 11 वर्ष पहले कार्पेट उद्योग बंदी के कगार पर था, लेकिन Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में भदोही, मिर्जापुर और वाराणसी के कार्पेट क्लस्टर को नई ऊर्जा मिली.

सीएम ने कहा कि भदोही को केंद्र बनाकर कार्पेट एक्सपो मार्ट की स्थापना की गई. जब पहला एक्सपो हुआ था, तब विदेशी खरीदारों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन आज 88 देशों से तीन से चार सौ फॉरेन बायर्स यहां आ रहे हैं, जो यह बताता है कि ग्लोबल मार्केट में आपके कालीनों की मांग कितनी बढ़ी है.

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी Government ने कार्पेट सेक्टर सहित एमएसएमई और ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट) योजना के तहत प्रत्येक जिले में विशिष्ट उद्योगों को प्रोत्साहित किया है. भदोही के कालीन, मुरादाबाद के पीतल, फिरोजाबाद के ग्लास और वाराणसी के सिल्क को नई पहचान मिली है.

2017 में जब हमने ओडीओपी योजना शुरू की थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यूपी दो लाख करोड़ से अधिक का निर्यात करेगा, यह अब वास्तविकता बन चुकी है. Chief Minister ने बताया कि कार्पेट उद्योग केवल व्यापार नहीं है, यह हमारे कारीगरों और हस्तशिल्पियों की जीवंत परंपरा है. आज यह उद्योग 25 से 30 लाख लोगों को रोजगार देता है और हर साल करीब 17 हजार करोड़ रुपए का निर्यात करता है.

उन्होंने कहा कि महिला स्वावलंबन का यह सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है. Government का प्रयास है कि इस उद्योग को और अधिक महिलाओं से जोड़ा जाए ताकि वे घर पर रहकर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें.

Chief Minister ने कहा कि भदोही को छोटा मत समझिए, यह प्रदेश और देश की आर्थिक ताकत का प्रतीक है. 2014 से पहले यह उद्योग लगभग मृतप्राय हो चुका था, लेकिन आज यह यूपी की पहचान बन चुका है. उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्वदेशी मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भदोही की कालीनों के विशेष स्टॉल लगाए गए हैं.

इस दौरान वहां मौजूद रवि पाटेरिया ने कहा कि “कालीन उद्योग हाथों का जादू है. हमने विश्व का सबसे बड़ा कालीन बनाकर कजाकिस्तान भेजा है. इस कला को विशेष दर्जा मिलना चाहिए.” इस पर Chief Minister ने कहा कि विचार समिति के गठन पर Government विचार कर रही है, ताकि उद्यमियों के सुझावों को नीतिगत निर्णयों में शामिल किया जा सके.

वहीं हाजी हमीद ने Chief Minister के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “आपकी प्रतिबद्धता ने कालीन उद्योग को नया जीवन दिया है. भदोही और प्रदेश दोनों को इस उद्योग के माध्यम से वन ट्रिलियन इकॉनमी में सहभागी बनाया जा सकता है.”

अनिल सिंह ने मिर्जापुर-विंध्य कॉरिडोर के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि आसपास के क्षेत्रों को भी एनसीआर की तरह विकसित किया जाए, जिस पर Chief Minister ने कहा कि “भदोही, वाराणसी और मिर्जापुर को जोड़कर विकास क्षेत्र के रूप में तैयार करने की दिशा में कार्य चल रहा है.”

चार दशकों से इस उद्योग से जुड़ी आदर्श पूर्णिमा ने कहा कि “आध्यात्म और राजनीति का संगम हो तो सफलता निश्चित है.”

वहीं निर्यातक आलोक बरनवाल ने बुनकरों की कमी और श्रमिकों के पलायन की समस्या उठाई, जिस पर Chief Minister ने कहा कि “हम उद्योग को महिलाओं और स्थानीय श्रमिकों से जोड़कर आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रहे हैं.“

Chief Minister ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल उद्योग को बचाना नहीं है, बल्कि इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है. जब एक देश टैरिफ लगाएगा तो हम 10 नए देशों के लिए अपने रास्ते खोलेंगे. यही आत्मनिर्भर India की भावना है. चुनौतियों से घबराना नहीं है, बल्कि उन्हें अवसर में बदलना है. Government आपके साथ है, आपका भविष्य उज्ज्वल है.

विकेटी/वीसी