Patna, 9 अक्टूबर . सीपीआई (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चल रही सीट बंटवारे की चर्चा पर बड़ी जानकारी दी.
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में है और एक-दो दिन में यह मुद्दा सुलझ जाएगा. हालांकि, इस बार गठबंधन में सीटों का बंटवारा पिछले चुनाव की तुलना में अधिक जटिल है.
उन्होंने बिहार में एसआईआर के दौरान हुई गड़बड़ियों पर भी चिंता जताई. उन्होंने बताया कि लगभग 10 फीसद समर्थकों के नाम, जो सूची में होने चाहिए थे, उसमें शामिल नहीं हैं. इस मुद्दे को हल करने के लिए पार्टी ने कदम उठाए, लेकिन यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
इसके अलावा, उन्होंने Supreme court में हाल ही में हुई घटना का जिक्र किया, जहां मुख्य न्यायाधीश पर ‘हमले’ की कोशिश हुई. भट्टाचार्य ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत बताया और कहा कि इस तरह की स्थिति को एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, “किसी ने नहीं सोचा था कि India में ऐसा दिन आएगा जब अदालत में ऐसी घटना होगी. इतना ही नहीं, इस तरह की घटना में संलिप्त हमलावरों को ‘हीरो’ भी बनाया जाएगा. यह देश और समाज के लिए खतरनाक है कि हम इस तरह का कृत्य करने वाले लोगों को नायक के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं.”
उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार कोई अलग देश नहीं है, लेकिन उसे अपने मुद्दों पर स्वतंत्र रूप से विचार करना होगा. भट्टाचार्य ने न्यायपालिका, संविधान और दलितों पर हो रहे हमलों को बिहार चुनाव का प्रमुख मुद्दा बताया और कहा कि इसे बेबाकी से उठाया जाएगा. सीपीआई (माले) बिहार चुनाव में इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष को तेज करेगी.
उन्होंने कहा कि बिहार एक ईमानदार राज्य है. हमें उम्मीद है कि यहां का लोकतंत्र संविधान के पक्ष में एक मजबूत जवाब देगा. उन्होंने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करने का आह्वान किया.
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एसएचके/डीएससी