Patna, 9 अक्टूबर . बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद सियासी रंगत तेजी से बदल रही है. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जहां भी चुनाव लड़ेगी, वहां आरएलजेपी अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी.
उन्होंने कहा है कि दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी, जिससे इस बार बिहार की राजनीति में चाचा-भतीजे की जंग देखने को मिलेगी.
श्रवण अग्रवाल ने से बातचीत में बताया कि आरएलजेपी ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है. उन्होंने कहा, “जहां-जहां चिराग पासवान की पार्टी उम्मीदवार उतारेगी, वहां राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी भी चुनाव लड़ने को तैयार है.” उन्होंने इस रणनीति को ‘100 प्रतिशत स्ट्राइक को 0 प्रतिशत स्ट्राइक’ में बदलने का मिशन बताया.
महागठबंधन के साथ सीट बंटवारे को लेकर पूछे गए सवाल पर श्रवण ने कहा, “अब तक महागठबंधन की किसी बैठक में हमारी पार्टी को शामिल नहीं किया गया है. कई बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें हम नहीं बुलाए गए. हम किसी के बाराती बनने या किसी के यहां नाचने के लिए नहीं हैं. हमारा 243 सीटों पर मजबूत संगठन और उम्मीदवार हैं. हमने पहले निर्णय लिया था कि महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अब इतनी देरी से असंतोष भी बढ़ रहा है.”
श्रवण अग्रवाल ने कहा, “हमारा संकल्प है कि तेजस्वी यादव को Chief Minister बनाना है. अगर गठबंधन में शामिल होकर कोई रास्ता निकलेगा तो हम उसमें भी आगे बढ़ेंगे, लेकिन हम अकेले भी चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे.”
श्रवण ने कहा, “एनडीए में पांच पांडवों के बीच महाIndia छिड़ी हुई है. जीतन राम मांझी के बयान बदलते रहने से एनडीए की हालत ठीक नहीं है.”
श्रवण अग्रवाल ने यह भी बताया कि आरएलजेपी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बिहार में जहां भी चिराग पासवान की पार्टी चुनाव लड़ेगी, वहां आरएलजेपी भी अपना उम्मीदवार उतारेगी.
महागठबंधन में सीट बंटवारे की प्रक्रिया पर उन्होंने चिंता जताई और कहा, “चुनाव नजदीक है, नामांकन शुरू होने वाले हैं, लेकिन अब तक महागठबंधन में हमारा कोई समावेश नहीं हुआ है. ये देरी हमारे लिए चिंता का विषय है.” उन्होंने महागठबंधन के नेताओं से जल्द फैसले की अपील की.
श्रवण ने यह भी स्पष्ट किया कि आरएलजेपी की पार्टी एक स्वतंत्र Political इकाई है और वह किसी के पीछे-पीछे नहीं चलेगी.
इस बीच, बिहार की राजनीति में चिराग पासवान और पारस परिवार के बीच विवाद और बढ़ता दिख रहा है. यह जंग बिहार चुनाव की Political तस्वीर को और भी रोचक बना रही है, जहां एक ओर महागठबंधन की सीटों को लेकर उलझनें हैं, वहीं दूसरी ओर एनडीए में भी अंदरूनी खींचतान साफ नजर आ रही है.
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वीकेयू/वीसी