अयोध्या, 8 अक्टूबर . अयोध्या के पवित्र बृहस्पति कुंड पर Wednesday को आयोजित ऐतिहासिक समारोह में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Chief Minister योगी आदित्यनाथ के साथ दक्षिण India के तीन महान संगीत संतों श्त्यागराज स्वामीगल, पुरंदरदास और अरुणाचल कवि की भव्य प्रतिमाओं का अनावरण किया. इस अवसर पर निर्मला सीतारमण का उद्बोधन भावनाओं और भक्ति से ओतप्रोत रहा.
उन्होंने कहा कि दक्षिण India में श्रीराम भक्ति केवल आस्था नहीं, बल्कि जीवन का अभिन्न हिस्सा है.
निर्मला सीतारमण ने अपने संबोधन में कहा कि Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने दक्षिण India के संतों के बारे में जिस विस्तार से बताया, वह अद्भुत है. उन्होंने कहा कि पहले दक्षिण India में भाषाई भेदभाव नहीं था, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और संस्कृत, सभी भाषाओं में कर्नाटक संगीत गाया जाता था, जो एकता का प्रतीक है.
वित्त मंत्री ने कहा कि त्यागराज स्वामी ने जीवनभर गरीबी में रहते हुए भी श्रीराम भक्ति को सर्वोच्च स्थान दिया. उन्होंने राजा के श्रेय में गीत गाने से इनकार कर केवल श्रीराम के लिए गीत गाए. उनकी भक्ति ऐसी थी कि हर गीत में श्रीराम की ऊर्जा प्रवाहित होती थी. लोग कहते हैं कि शायद हनुमान जी ने ही त्यागराज के रूप में जन्म लिया था. उन्होंने बताया कि त्यागराज स्वामी का गीत ‘सीता कल्याण’ दक्षिण India में हर विवाह समारोह में गाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी की शादी में भी वही गीत गाए गए थे.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि रामभक्ति केवल हिंदी भाषी क्षेत्रों की नहीं है, बल्कि केरल में आज भी पूरे सिंह मास (अषाढ़) में हर घर में शाम के समय दीप जलाकर भगवान श्रीराम की आराधना की जाती है. पूरे महीने रामायण पढ़ी जाती है. यह मूर्त रूप नहीं, बल्कि अमूर्त भक्ति की परंपरा है. यह हमारे देश की सच्ची आत्मा है.
उन्होंने तमिल कवि अरुणाचल कवि का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने प्रसिद्ध तमिल काव्य रामनाटकम् में माता सीता के प्रति गहरा सम्मान प्रकट किया. उन्होंने कहा था, एक लाख आंखों से सीता माता को देखो, उनसे सुंदर कोई नहीं.
निर्मला सीतारमण ने बताया कि Prime Minister Narendra Modi ने भी राम जन्मभूमि के लोकार्पण से पहले दक्षिण India के श्रीराम से जुड़े मंदिरों की यात्रा की थी. वे श्रीरंगम मंदिर में गए, जहां कंब रामायण की रचना हुई थी. यही नहीं, अरुणाचल कवि को भी श्रीराम ने सपने में आदेश दिया था कि वे श्रीरंगम में रामनाटकम् प्रस्तुत करें.
वित्त मंत्री ने कहा कि दक्षिण India में न केवल पुरुष संत ही नहीं, बल्कि एक कुम्हार समुदाय की महिला ने भी तेलुगु में मोल्लरामायणम् लिखकर भक्ति की मिसाल कायम की. ‘तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम हर भाषा में श्रीराम की महिमा का गान हुआ है. यही India की आत्मा है.
सीतारमण ने कहा कि आज का दिन अत्यंत पवित्र है. जिन संतों की हर श्वास में ‘राम’ था, उनकी प्रतिमाओं को अयोध्या में स्थान मिलना केवल योग से नहीं, श्रीराम की इच्छा से संभव हुआ है. उत्तर और दक्षिण India के बीच यह भक्ति से जुड़ी एकता का अद्भुत उदाहरण है. उन्होंने उत्तर प्रदेश Government और Chief Minister योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताया और कहा कि हमें लगा ही नहीं कि हम उत्तर India में हैं, ऐसा लगा जैसे अपने घर में समारोह कर रहे हैं.
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विकेटी/डीकेपी