ईडी ने 1.34 करोड़ की संपत्ति आईडीबीआई बैंक को वापस लौटाई

New Delhi, 7 अक्टूबर . Enforcement Directorate (ईडी) दिल्ली जोनल ऑफिस ने कमल कालरा मामले में (जिसकी ईडी जांच जारी है) सही दावेदार यानी आईडीबीआई बैंक को 1.34 करोड़ रुपए की संपत्ति सफलतापूर्वक वापस कर दी है. यह कदम भ्रष्टाचार और धनशोधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का हिस्सा है और अपराध से प्राप्त अवैध संपत्ति (पीओसी) को सही हकदारों तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है.

यह जांच बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें 59 फर्मों/कंपनियों के चालू खाताधारकों और कुछ अज्ञात बैंक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध करने का आरोप लगाया गया था.

ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ कि आरोपियों ने हांगकांग (एसएआर), चीन और Dubai की विभिन्न कंपनियों को बड़ी रकम हवाला ऑपरेटरों और व्यापारियों की मिलीभगत से अग्रिम आयात भुगतान और सॉफ्टवेयर आयात के नाम पर भेजी. हालांकि वास्तविक रूप से कोई आयात नहीं हुआ था. आरोपियों ने बैंक को झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए थे.

जांच के दौरान ईडी ने 7 अस्थायी परिसंपत्ति निरोध आदेश जारी किए, जिनके तहत 69 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियां विभिन्न आरोपियों से जब्त की गईं. साथ ही, ईडी ने 5 अभियोजन शिकायतें सम्माननीय विशेष अदालत में दर्ज कीं.

23 अगस्त 2025 को, मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की भावना को ध्यान में रखते हुए, Enforcement Directorate ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के समक्ष बिना आपत्ति के आवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें संपत्ति को उसके वैध दावा मालिक यानी आईडीबीआई बैंक को लौटाने की अनुमति मांगी गई.

इस आवेदन के आधार पर, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने संपत्तियों को आईडीबीआई बैंक को लौटाने का आदेश दिया. यह फैसला उन पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिनके साथ अपराधियों ने अन्याय किया था.

ईडी ने कहा है कि वह आगे भी इसी प्रकार के अपराधों की जड़ तक पहुंचकर कार्रवाई करता रहेगा ताकि देश में आर्थिक अपराधों पर काबू पाया जा सके और न्याय सुनिश्चित किया जा सके.

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