भारत ग्लोबल एआई सॉफ्टवेयर और सर्विस मार्केट में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए मजबूत स्थिति में : रिपोर्ट

Mumbai , 7 अक्टूबर . India एआई के विभिन्न स्तरों और पहलुओं में एक अलग और खास अप्रोच के साथ ग्लोबल एआई सॉफ्टवेयर और सर्विस मार्केट में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए मजबूत स्थिति में है. यह जानकारी Tuesday को आई एक रिपोर्ट में दी गई.

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने Mumbai में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) के उद्घाटन के अवसर पर अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा, “2028 तक इस बाजार अवसर का राजस्व 100-120 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जो India के मौजूदा आईटी सर्विस मार्केट के 50 प्रतिशत के बराबर है.”

हालांकि, India दुनिया का लगभग 20 प्रतिशत डेटा जेनरेट कर रहा है, लेकिन ग्लोबल डेटा सेंटर क्षमता का केवल 2 प्रतिशत ही देश के पास है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अंतर को खत्म करने के लिए India को 2030 तक वैश्विक क्षमता में कम से कम 8 प्रतिशत हिस्सेदारी यानी लगभग 17 गीगावाट का लक्ष्य रखना चाहिए, जिसके लिए लार्ज-स्केल रियल एस्टेट और सस्टेनेबल एनर्जी की जरूरत होगी.

India को नेशनल डेटासेट प्लेटफॉर्म एआईकोष का विकास और विस्तार जारी रखना चाहिए ताकि India और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विशिष्ट मॉडल-निर्माण आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.

इसके अतिरिक्त, देश को हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एजुकेशन और फाइनेंशियल इंक्लूजन जैसे सेक्टर में डोमेन-स्पेसिफिक पॉपुलेशन-स्केल एआई मॉडल को प्राथमिकता देनी चाहिए.

बीसीजी में फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के इंडिया हेड और फिनेटक के ग्लोबल हेड यशराज एरांडे ने कहा, “India एक निर्णायक मोड़ पर है. एक ओर, भारतीय फिनटेक कंपनियों ने पिछले 2 वर्षों में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और 2030 तक 190 अरब डॉलर का कारोबार हासिल करने जा रही हैं. दूसरी ओर, एआई वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के नियमों को नए सिरे से लिख रहा है और भारतीय फिनटेक कंपनियों के लिए इनोवेशन को एक टॉप सीएक्सओ प्राथमिकता के रूप में पेश कर रहा है.”

उन्होंने आगे कहा, “India के लिए अच्छी खबर यह है कि देश दुनिया का सबसे बड़ा एआई उपभोक्ता बाजार, एक ग्लोबल एआई यूज-केस प्लेग्राउंड और दुनिया भर में टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन का निर्यात करने वाला एक लीडिंग एग्जीक्यूशन हब तीनों फ्रंट पर एक मजबूत स्थिति में है.”

इस बीच, दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एक सुपरसाइकल से गुजर रही है, जिसमें पिछले पांच वर्षों में दुनिया भर में 1.3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है, जो ग्लोबल फिनटेक फंडिंग का चार गुना है.

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