60 करोड़ की ठगी मामले में शिल्पा शेट्टी का बयान दर्ज, ईओडब्ल्यू ने साढ़े चार घंटे तक की पूछताछ

Mumbai , 7 अक्टूबर . 60 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में Mumbai Police की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने Actress शिल्पा शेट्टी से लंबी पूछताछ की है. Mumbai Police के मुताबिक, ईओडब्ल्यू की एक टीम शिल्पा शेट्टी के आवास पर पहुंची, जहां करीब साढ़े चार घंटे तक पूछताछ चली. इस दौरान Police ने Actress से उनकी एडवरटाइजिंग कंपनी के बैंक खाते से जुड़े कथित लेन-देन को लेकर कई सवाल पूछे.

पूछताछ के दौरान शिल्पा शेट्टी ने अपनी कंपनी से जुड़े वित्तीय लेनदेन की जानकारी Police अधिकारियों को दी. इसके अलावा उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जांच अधिकारियों को सौंपे हैं, जिनकी फिलहाल जांच की जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि दस्तावेजों का बारीकी से वेरिफिकेशन किया जा रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन ट्रांजेक्शनों में कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई.

बता दें कि Mumbai के कारोबारी दीपक कोठारी ने अगस्त में जुहू Police स्टेशन में शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी. कोठारी का आरोप है कि वर्ष 2015 से 2023 के बीच उन्होंने शिल्पा और कुंद्रा की कंपनी ‘बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड’ में 60.48 करोड़ रुपये का निवेश किया था. इन लोगों की मुलाकात एक एजेंट राजेश आर्या के जरिए हुई थी. उस वक्त शिल्पा और राज कुंद्रा कंपनी के डायरेक्टर थे और शिल्पा के पास कंपनी के 87 प्रतिशत से अधिक शेयर थे.

कोठारी ने आरोप लगाया कि शुरू में यह रकम लोन के रूप में दी गई थी, जिस पर सालाना 12 प्रतिशत ब्याज तय हुआ था. लेकिन बाद में शिल्पा और कुंद्रा ने टैक्स संबंधी कारणों का हवाला देते हुए इस रकम को इन्वेस्टमेंट के रूप में दर्ज करने को कहा और हर महीने तय रिटर्न देने का वादा किया. कोठारी ने अप्रैल 2015 में 31.95 करोड़ रुपये की पहली किश्त दी और फिर जुलाई 2015 से मार्च 2016 के बीच 28.54 करोड़ रुपये और ट्रांसफर किए. कुल मिलाकर उन्होंने 60.48 करोड़ रुपये की रकम दी, साथ ही 3.19 लाख रुपये स्टांप ड्यूटी भी चुकाई.

कोठारी का यह भी कहना है कि अप्रैल 2016 में शिल्पा शेट्टी ने उन्हें व्यक्तिगत गारंटी दी थी, लेकिन उसी साल सितंबर में उन्होंने कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया. इसके कुछ समय बाद उन्हें पता चला कि कंपनी पर 1.28 करोड़ रुपये का कर्ज भी बकाया है, जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई थी. कई बार पैसे वापस मांगने के बावजूद उन्हें कोई जवाब नहीं मिला, न ही रकम लौटाई गई.

इस मामले में जुहू Police स्टेशन में धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में First Information Report दर्ज की गई. चूंकि मामला बड़ी रकम से जुड़ा है, इसलिए इसे आर्थिक अपराध शाखा को सौंपा गया. ईओडब्ल्यू अब तक इस मामले की जांच गहराई से कर रही है.

पीके/एएस