बीजिंग, 5 अक्टूबर . एक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में पाया गया है कि एक साधारण रक्त परीक्षण पर आधारित डेटा विश्लेषण मॉडल 10 वर्षों के भीतर गंभीर यकृत रोग विकसित होने के जोखिम की भविष्यवाणी कर सकता है, जिससे सिरोसिस और यकृत कैंसर जैसी यकृत बीमारियों का पहले ही पता लगाया जा सकता है.
स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट और अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं ने हाल ही में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में एक शोधपत्र प्रकाशित किया है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने ‘कोर’ नामक एक मॉडल सांख्यिकीय पद्धति का आविष्कार किया है, जो आयु, लिंग और तीन सामान्य यकृत एंजाइमों जैसे कि एलानिन एमिनोट्रांस्फरेज पर आधारित आंकड़ों के आधार पर भविष्यवाणियां कर सकती है.
शोधकर्ताओं ने स्वीडन के स्टॉकहोम में 4,80,000 लोगों के 1985 और 1996 के बीच स्वास्थ्य जांच के आंकड़ों और उनके अगले 30 वर्षों तक स्वास्थ्य पर नजर रखी.इनमें से लगभग 1.5 प्रतिशत लोगों को बाद में सिरोसिस और यकृत कैंसर जैसी गंभीर यकृत संबंधी बीमारियां हो जाती हैं या उन्हें यकृत प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है.
शोधकर्ताओं ने इस डेटा का उपयोग यह पुष्टि करने के लिए किया कि कोर मॉडल में उच्च सटीकता है और यह 88 प्रतिशत मामलों में यह पता लगा सकता है कि शोध विषयों में बाद के चरण में संबंधित बीमारियां विकसित होंगी या नहीं, जो वर्तमान में अनुशंसित मॉडल की सटीकता से अधिक है.
शोधकर्ताओं ने फिनलैंड और यूके में दो समूहों पर भी इस मॉडल का परीक्षण किया, जिससे इस जोखिम की भविष्यवाणी करने में कोर मॉडल की उच्च सटीकता का प्रदर्शन हुआ. शोधकर्ताओं को आशा है कि भविष्य में वे यकृत रोग के उच्च जोखिम वाले लोगों पर और अधिक परीक्षण कर सकेंगे.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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