कांग्रेस ने झारखंड में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की

New Delhi, 4 अक्टूबर . संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के उद्देश्य से एक बड़े संगठनात्मक कदम के तहत, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने Jharkhand में जिला कांग्रेस समितियों के लिए नए अध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा की.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा अनुमोदित इन नियुक्तियों को Saturday को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया.

यह फेरबदल पार्टी के महत्वाकांक्षी संगठन सृजन अभियान के तहत किया गया है, जो एक राष्ट्रव्यापी पहल है जिसका उद्देश्य कांग्रेस के ढांचे को ज़मीनी स्तर से पुनर्जीवित करना है.

अभियान के तहत, एआईसीसी पर्यवेक्षकों ने क्षेत्र का व्यापक दौरा किया और स्थानीय कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बाद विस्तृत रिपोर्ट सौंपी.

इन निष्कर्षों के आधार पर वरिष्ठ नेतृत्व के साथ एक-एक कर चर्चा की गई. इसके बाद, जिला-स्तरीय नियुक्तियों को अंतिम रूप दिया गया. कुल 25 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की गई, जिनमें अनुभवी नेता और उभरते हुए नए चेहरे शामिल हैं.

महत्वपूर्ण नियुक्तियों में दुमका में स्टीफन मरांडी, रांची महानगर में संजय सिंह और जामताड़ा में दीपिका बेसरा का नाम शामिल हैं. दीपिका बेसरा उन कुछ महिलाओं में से एक हैं, जिन्हें जिला नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

सूची में मुकुंद दास और संतोष कुमार सिंह का भी नाम है; दोनों को धनबाद के लिए नियुक्त किया गया है, जो प्रमुख शहरी केंद्रों में दोहरी नेतृत्व रणनीति का संकेत देता है.

अन्य नियुक्त सदस्यों में बोकारो के लिए जवाहर लाल मेहता, चतरा के लिए चंद्रदेव गोप, पूर्वी सिंहभूम के लिए परविंदर सिंह, गढ़वा के लिए ई ओबैदुल्लाह हक अंसारी, गिरिडीह के लिए सतीश केडिया, गोड्डा के लिए मोहम्मद याह्या सिद्दीकी, गुमला के लिए राजनील तिग्गा, हजारीबाग के लिए जेपी पटेल, खूंटी के लिए रमेश कुमार, कोडरमा के लिए प्रकाश राजक, लातेहार के लिए कामेश्वर यादव, लोहरदगा के लिए राकेश रोशन, पाकुड़ के लिए बाबूलाल, पलामू के लिए विजय कुमार पाठक, रामगढ़ के लिए राजेश गुप्ता, रांची के लिए अलोक दुबे, साहिबगंज के लिए नरेश कुमार, सरायकेला के लिए राकेश साहू, सिमडेगा के लिए राजू भगत, और पश्चिमी सिंहभूम के लिए सुशील कुमार सिंह शामिल हैं.

सभी नव नियुक्त अध्यक्षों से पार्टी की उम्मीद है कि वे आगामी चुनाव चक्र से पहले पार्टी के आधार को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

पीएसके