New Delhi, 4 अक्टूबर . India में जब भी बिलियर्ड्स की बात चलती है, तो सबसे पहले पंकज आडवाणी का चेहरा सामने आता है. लंबे समय से आडवाणी बिलियर्ड्स में देश का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं और खिताब दिलाते रहे हैं. पंकज भारतीय बिलियर्ड्स का सुनहरा वर्तमान जरूर हैं, लेकिन जिस खिलाड़ी ने इस खेल को देश में लोकप्रिय बनाया और पहली बार विश्व चैंपियन बना, वो हैं विल्सन जोंस.
विल्सन जोंस का जन्म 2 मई 1922 को पुणे में हुआ था. विल्सन बचपन से ही खेलों में रुचि रखते थे. वे शुरुआत में हॉकी और क्रिकेट खेलते थे. 17 साल की उम्र में विल्सन ने पहली बार बिलियर्ड्स टेबल देखी थी. 18 साल की उम्र में उन्होंने बिलियर्ड्स खेलना शुरू किया. उनकी इस खेल में ऐसी दिलचस्पी बढ़ी कि बाकी खेल पीछे छूट गए. इस खेल में कुछ बड़ा करने का जुनून ऐसा था कि वे रात में काम करते थे और दिन में खेलते थे.
विल्सन ने 1949 में पहली बार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में कदम रखा था, तब टी. जे. सेल्वाराज से हार गए थे. हार ने उनके जोश को कम नहीं किया और अगले ही साल सेल्वाराज को ही हराकर नेशनल चैंपियन बने. इसके बाद विल्सन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 12 बार नेशनल चैंपियन बने. पांच बार स्नूकर में वह नेशनल चैंपियन रहे.
लगातार नेशनल चैंपियनशिप की सफलता ने उन्हें विश्व चैंपियनशिप का टिकट दिलाया. 1952 में कोलकाता में विश्व चैंपियनशिप का आयोजन किया गया जिसके लिए विल्सन ने क्वालीफाई किया. वह जीत के दावेदार के रूप में उतरे थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. 1954 में भी वह विश्व चैंपियनशिप में जीत नहीं सके. 1958 में विल्सन ने कलकत्ता में अपनी चौथी विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. इस बार वह विजेता बनकर उभरे. बिलियर्ड्स में विश्व चैंपियनशिप जीतने वाले वह पहले भारतीय थे. 1964 में न्यूजीलैंड में खेली गई बिलियर्ड्स विश्व चैंपियनशिप में भी विल्सन विजेता रहे थे. यह उनका आखिरी विश्व चैंपियनशिप था. 1967 में अपना आखिरी नेशनल चैंपियनशिप जीत कर उन्होंने इस खेल को अलविदा कह दिया था.
संन्यास के बाद कोचिंग के क्षेत्र में भी वह सक्रिय रहे. ओम अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल और अशोक शांडिल्य जैसे खिलाड़ी उनके शिष्य रहे हैं. बिलियर्ड्स में उनकी असाधारण सफलता का सम्मान India Government ने किया और 1962 में अर्जुन पुरस्कार, 1965 में पद्मश्री, 1996 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया. 2003 को हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था. उनके निधन की तारीख को लेकर स्पष्टता नहीं है. कहीं 4 अक्टूबर तो कहीं 5 अक्टूबर को उनके निधन की जानकारी मिलती है. विल्सन को भारतीय बिलियर्ड्स के भीष्म पितामह के रूप में याद किया जाता है.
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पीएके