जम्मू-कश्मीर : विधानसभा अध्यक्ष ने किया साफ, अदालत या सरकारी अनुमति के बाद सत्र में शामिल हो सकते हैं मेहराज मलिक

श्रीनगर, 3 अक्टूबर . जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने Friday को कहा कि अगर जेल में बंद डोडा विधायक मेहराज मलिक आगामी सत्र में भाग लेते हैं तो यह स्वागत योग्य कदम होगा, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय अदालत या Government पर निर्भर है. राथर ने कहा कि मलिक को कानूनी माध्यमों से अनुमति लेनी होगी.

उन्होंने कहा, “उन्हें अदालत का रुख करना होगा, या अगर Government उन्हें अनुमति देती है, तो उन्हें उपस्थित होना चाहिए. यह इस बात पर निर्भर करता है कि Government या अदालत उन्हें अनुमति देती है या नहीं.”

पीडीपी विधायक वहीद पारा के मुद्दे पर, राथर ने पुष्टि की कि उनके खिलाफ जारी कारण बताओ नोटिस अभी भी विचाराधीन है. उन्होंने कहा, “पारा ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है और मामला विचाराधीन है.”

अध्यक्ष ने आगे कहा कि पारा ने पहले यह दावा करते हुए गलत सूचना फैलाई थी कि विधानसभा सचिवालय ने डोडा विधायक के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) को मंजूरी दे दी है, जो उन्होंने स्पष्ट किया कि गलत था.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “सचिवालय के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है. पीएसए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लगाया जाता है.”

अध्यक्ष ने कहा कि उपGovernor द्वारा 23 अक्टूबर को बुलाया गया जम्मू-कश्मीर विधानसभा का आगामी सत्र छोटा होगा और जल्द ही एक अनंतिम कैलेंडर जारी किया जाएगा.

डोडा विधायक मलिक को जिला मजिस्ट्रेट ने उनकी गतिविधियों को जिले में शांति और व्यवस्था के लिए हानिकारक बताते हुए जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया था. जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) किसी व्यक्ति को बिना किसी न्यायिक हस्तक्षेप के अधिकतम दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है.

मलिक ने आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार के रूप में डोडा से 2024 का विधानसभा चुनाव जीता और 90 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के एकमात्र प्रतिनिधि बने.

उन्होंने शुरुआत में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस Government का समर्थन किया था, लेकिन बाद में यह आरोप लगाते हुए अपना समर्थन वापस ले लिया कि Government मतदाताओं से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है.

एससीएच