अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा प्रतिनिधिमंडल 4 अक्टूबर को जाएगा बरेली, पीड़ित परिवारों से करेगा मुलाकात

Lucknow, 3 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के पूर्व Chief Minister और Samajwadi Party (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी का प्रतिनिधिमंडल 4 अक्टूबर को बरेली का दौरा करेगा. यह दौरा 26 सितंबर को बरेली में नमाज के बाद हुई हिंसा की घटनाओं की जांच एवं प्रभावित परिवारों से मुलाकात के लिए किया जाएगा. घटनाक्रम में कई लोगों की मौत, घायल होने और घरों-दुकानों को तोड़े जाने की शिकायतें सामने आई हैं.

Samajwadi Party ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पत्र शेयर किया है. इस पत्र में कहा गया है कि अखिलेश यादव के निर्देशानुसार Samajwadi Party का प्रतिनिधिमंडल Saturday को बरेली जाएगा. बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोग समस्याओं को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जा रहे थे.

निर्दोष लोगों पर रास्ते में Police और पीएसी द्वारा बेरहमी से लाठीचार्ज किया गया, जिसमें बहुत से लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. 81 लोगों को जेल भेज दिया गया है. 4 बारात घर सीज कर दिए गए हैं. कई मकानों और दुकानों को बुलडोजर द्वारा ढहा दिया गया है. Police द्वारा तीन लोगों का हाफ एनकाउंटर कर दिया गया है.

प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवारों से मिलकर उनकी समस्याओं के निदान के लिए बरेली डीआईजी और कमिश्नर से मिलकर बात करेगा. तत्पश्चात् रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे.

इससे पहले मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि बरेली में जो कुछ हुआ है, वह यकीनी तौर पर काबिले अफसोस है. यह घटना नहीं होनी चाहिए थी क्योंकि इससे हमारे मुल्क की अमन और शांति को बड़ा नुकसान पहुंचा है. जुमे की नमाज में भी यही दुआ की गई कि हमारे मुल्क के अंदर अमन और शांति कायम रहे.

उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि कोई भी ऐसा प्रोटेस्ट या एहतिजाज, जिसकी परमिशन पहले से नहीं ली गई हो, उसका हिस्सा बिल्कुल भी न बनें. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम शांति को बनाए रखें और कानून का सम्मान करें.

मौलाना ने यह भी कहा कि बरेली में कार्रवाई के नाम पर जो कुछ हो रहा है, वह भी ठीक नहीं है. बेकसूर लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाना, उन पर First Information Report दर्ज करना उचित नहीं है. हमारे मुल्क का संविधान सभी के लिए बराबर का अधिकार देता है. हर धर्म के लोगों को समान नजरिए से देखना चाहिए.

उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि जिन बेकसूर लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं और जिनकी जिंदगी दांव पर लगी है, उन मामलों को वापस लेने की जरूरत है.

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