New Delhi, 2 अक्टूबर . देश की राजधानी दिल्ली में Tuesday को श्री धार्मिक लीला समिति द्वारा विजयादशमी का भव्य आयोजन किया गया. कार्यक्रम में President द्रौपदी मुर्मू भी शामिल हुईं. President ने मंच से रावण के पुतले पर तीर चलाकर बुराई के अंत का संदेश दिया. इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.
अपने संबोधन में President मुर्मू ने दशहरे के धार्मिक और सामाजिक महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि यह पर्व केवल रावण के वध की स्मृति मात्र नहीं है. यह अच्छाई की बुराई पर, विनम्रता की अहंकार पर और प्रेम की घृणा पर विजय का संदेश देता है.
President मुर्मू ने हाल ही में भारतीय सेना द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि जब आतंकवाद का दानव मानवता पर प्रहार करता है, तब उसका दमन करना अनिवार्य हो जाता है. भारतीय सेना का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद के रावण पर मानवता की विजय का प्रतीक है. इसके लिए हम India माता की रक्षा में तैनात सभी सैनिकों को नमन करते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं.
उन्होंने कहा कि हर वर्ष दशहरे पर हम रावण का पुतला जलाते हैं, लेकिन उससे भी अधिक जरूरी है कि लोग अपने भीतर के रावण, जैसे घृणा, अहंकार, लालच और ईर्ष्या को खत्म करें. जब तक हम अपने अंदर की बुराई को खत्म नहीं करेंगे, तब तक असली विजयादशमी अधूरी रहेगी. हमें ऐसा प्रयास करना होगा कि देश में सुख, शांति, आनंद और प्रेम की नदियां बहें.
President मुर्मू ने दिल्लीवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व हमें हर साल यह याद दिलाता है कि चाहे बुराई कितनी भी प्रबल क्यों न हो, अंततः जीत सदैव सत्य और धर्म की होती है.
विजयादशमी नवरात्रि और दुर्गा पूजा उत्सवों के समापन का प्रतीक है. यह भगवान राम की राक्षसराज रावण पर विजय और देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. यह दिन नई शुरुआत और नवीनीकरण का है. वहीं, यह अहंकार और अन्याय जैसे नकारात्मक गुणों के विनाश का भी प्रतीक है.
आध्यात्मिक रूप से दशहरा इस विश्वास को पुष्ट करता है कि अंततः धर्म और सत्य की ही बुराई पर विजय होती है, चाहे अंधकार की शक्तियां कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हों. जैसे-जैसे पुतले जलते हैं और उत्सव शुरू होता है, संदेश स्पष्ट रहता है, अच्छाई की हमेशा बुराई पर विजय होती है.
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पीएसके/एबीएम