राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सौ साल का काल देशसेवा और मानवसेवा को समर्पित : श्रीराज नायर

New Delhi, 2 अक्टूबर . विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष पर संगठन की देशसेवा और मानवसेवा की सराहना की.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सौ वर्ष का काल देशसेवा, राष्ट्रसेवा और मानवसेवा को समर्पित रहा है. आपदा हो या संकट, स्वयंसेवकों ने सदैव समाज की सेवा की है. संघ से जुड़े कई लोग ऊंचे पदों तक पहुंचे हैं, जिनमें देश के Prime Minister मोदी भी शामिल हैं. राष्ट्र निर्माण के लिए संघ ने श्रेष्ठ कार्य किए हैं और यदि संघ के योगदान को पाठशालाओं के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है तो यह स्वागत योग्य कदम होगा. इसका विरोध करने वाले केवल तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं.

श्रीराज नायर ने साल 2008 के Mumbai आतंकी हमलों के संदर्भ में तत्कालीन यूपीए Government की नीतियों पर तीखा हमला बोला.

उन्होंने कहा कि साल 2008 के Mumbai आतंकी हमले ने साबित किया कि आतंकवादियों ने निर्दोष नागरिकों, सीएसटी स्टेशन, ताज होटल को निशाना बनाकर भारी तबाही मचाई और कई वरिष्ठ Police अधिकारी शहीद हुए. इतने बड़े हमले के बाद भी कांग्रेस ने कड़ी कार्रवाई करने के बजाय अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुककर आतंकवाद को बढ़ावा दिया. यह स्वयं कांग्रेस नेताओं और चिदंबरम के बयानों से स्पष्ट होता है. Pakistan में बैठे आतंकियों को संरक्षण मिलता रहा और यह देश की जनता के लिए गहन चिंतन का विषय है.

श्रीराज नायर ने कांग्रेस नेता उदित राज के बयानों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि उदित राज के बयान हास्यास्पद हैं और उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता. अब वे केवल छींटाकशी करते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश की सेवा, उन्नति और प्रगति के लिए समर्पित है और इसे महात्मा गांधी, बाबा साहेब अंबेडकर और जवाहरलाल नेहरू ने भी मान्यता दी. गणतंत्र दिवस समारोहों में भी संघ शामिल रहा है. ऐसे में हमें आरएसएस के लिए उदित राज का प्रमाण पत्र नहीं चाहिए.

श्रीराज नायर ने कहा कि उदित राज के ऐसे बयान चौंकाने वाले नहीं हैं, क्योंकि वे वर्षों से तुष्टिकरण और विभाजनकारी राजनीति करते रहे हैं. इस तरह की राजनीति ने कट्टरपंथी मानसिकता को बढ़ावा दिया और युवाओं को भटकाया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विहिप सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए विश्वभर में जाने जाते हैं, जबकि कुछ नेता केवल Political लाभ के लिए आलोचना करते हैं. देश को ऐसे नेताओं की जरूरत है, जो तुष्टिकरण से ऊपर उठकर सच्ची प्रगति के लिए काम करें, न कि समाज में तनाव फैलाएं.

एकेएस/एबीएम