आज महात्मा गांधी की अहिंसा वाली अवधारणा काफी प्रासंगिक है : सांसद बृजलाल

Lucknow, 2 अक्टूबर . राज्यसभा सांसद बृजलाल ने Thursday को गांधी जयंती के मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अहिंसा का पुजारी बताया.

उन्होंने से बातचीत में कहा कि आज की तारीख में विश्व समुदाय की जिस तरह की स्थिति बनी हुई है, उसे देखते हुए महात्मा गांधी की अहिंसा वाली अवधारणा काफी प्रासंगिक साबित हो जाती है. आज जहां रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध बना हुआ है. ऐसी स्थिति में महात्मा गांधी की शिक्षा काफी प्रासंगिक है. मैं महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर गांधी आश्रम आया हूं, जहां मैं स्वदेशी उत्पादों को देख रहा हूं. मुझे इसे देखकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है.

उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर कहा कि इतिहास गवाह है कि जब कभी भी देश में कोई संकट आता है, तो Governmentी एजेंसियों के अलावा सबसे पहले मौके पर पहुंचने वाला अगर कोई होता है, तो वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है. आरएसएस ने जो इस देश के लिए किया है, वो अमूल्य है. संघ के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. यह दुख की बात है कि कांग्रेस Political लाभ के लिए देश के लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है.

राज्यसभा सांसद ने कहा कि कोरोना काल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सामाजिक कल्याण के लिए जो किया, वो अद्भुत है. इस विपदा के समय में संघ के कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. संघ ने हमेशा से ही देश को जोड़ने का काम किया है. देशवासी संघ की सच्चाई से अवगत हैं, वो इस बात को जानते हैं कि संघ देश के विकास और लोगों के कल्याण की दिशा में हमेशा आगे रहा है. जब नेहरू जी Prime Minister थे, तो संघ के लोग गणतंत्र दिवस मार्च में शामिल थे. कांग्रेस के लोग इतिहास को पढ़ लें. आने वाली पीढ़ी को आरएसएस के बारे में बताना चाहिए. आरएसएस ने देश के विकास का पूरा खाका तैयार किया.

चिदंबरम के बयान पर राज्यसभा सांसद ने कहा कि Mumbai हमले के वक्त मैं प्रदेश का एडीजी था. उस वक्त कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे फांसी की सजा हुई. उस समय हमें Pakistan को माकूल जवाब देते हुए उस पर सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए थी. लेकिन, उस समय गृह मंत्री अपने सिर्फ कपड़े बदलते रहे. दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं ने बेशर्मी भरा बयान दिया. इस पूरे मामले में कांग्रेस की भूमिका शर्मनाक रही है.

उन्होंने सोनम वांगचुक के बारे में कहा कि वे अपने एनजीओ के माध्यम से विदेशी फंडिंग लेकर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे थे. इसमें कहीं ना कहीं देश की विरोधी पार्टियों का भी हाथ था.

एसएचके/एबीएम