New Delhi, 2 अक्टूबर . India में महंगाई दर वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) और वित्त वर्ष 27 के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से कम रहेगी. यह जानकारी भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट में दी गई.
रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्रीय बैंक की एप्रोच को मौद्रिक नीति के रूप में नहीं, बल्कि एक नियामक नीति के रूप में देखा जाना चाहिए, जे कि India की यूनिक आर्थिक स्थिति को दिखाता है.
एसबीआई की ओर से कहा गया कि महंगाई में कमी आने के कई कारण हैं, जिसमें मानसून की अच्छी प्रगति, मजबूत जलाशय स्तर, खाद्यान्न के पर्याप्त भंडार और GST सुधार है.
यह सभी कारक मिलकर उम्मीद से अधिक तेजी से महंगाई को कम रहे हैं.
आरबीआई की ओर से वित्त वर्ष 26 के लिए खुदरा महंगाई दर के अनुमान को 50 आधार अंक घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया है. यह अप्रैल के अनुमान से 160 आधार अंक कम है. हालांकि, एसबीआई का मानना है कि वित्त वर्ष 26 और वित्त वर्ष 27 में महंगाई दर उम्मीद से कम रहेगी.
केंद्रीय गवर्नर ने वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) के लिए रिटेल महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जो कि अगस्त 3.1 प्रतिशत पर था.
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के अनुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4 प्रतिशत कर दिया है.
आरबीआई ने अनुमान में आगे बताया कि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत रह सकती है.
आरबीआई ने अक्टूबर की मौद्रिक नीति में वित्त वर्ष 26 के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया गया है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और अस्थिर बाजारों को देखते हुए, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय तर्कसंगत प्रतीत होता है.
इसमें यह भी कहा गया है कि आरबीआई का संचार अपेक्षाओं को दिशा देने और उसकी नीतिगत दिशा में स्पष्टता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
–
एबीएस/