आरएसएस को सम्मानित करना ‘स्वतंत्रता संग्राम का गहरा अपमान’: केसी वेणुगोपाल

New Delhi, 1 अक्टूबर . कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने Wednesday को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करने के केंद्र Government के फैसले की कड़ी आलोचना की. वेणुगोपाल ने इसे India के स्वतंत्रता आंदोलन और संवैधानिक मूल्यों का ‘गहरा अपमान’ बताया.

वेणुगोपाल ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर करते हुए एक ऐसे संगठन का सम्मान करने के औचित्य पर सवाल उठाया, जिसने, उनके अनुसार, ‘औपनिवेशिक शासकों के साथ सहयोग किया’ और जिसे महात्मा गांधी की हत्या के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने प्रतिबंधित कर दिया था.

उन्होंने सवाल उठाया, “सरदार पटेल द्वारा प्रतिबंधित एक संगठन को आज India Government कैसे सम्मानित कर सकती है?”

कांग्रेस नेता ने आरएसएस पर संविधान में निहित सिद्धांतों, विशेष रूप से सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने का आरोप लगाया.

उन्होंने लिखा, “जो लोग हमारे संविधान के पुनर्लेखन और डॉ. आंबेडकर द्वारा हमें दिए गए सामाजिक न्याय के एजेंडे को नष्ट करने की वकालत करते हैं, उन्हें राष्ट्रीय प्रतीक कैसे माना जा सकता है?”

वेणुगोपाल की यह टिप्पणी शासन पर आरएसएस के वैचारिक प्रभाव और स्वतंत्रता आंदोलन में उसकी ऐतिहासिक भूमिका पर चल रही बहस के बीच आई है.

कांग्रेस लंबे समय से कहती रही है कि आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया था और आधिकारिक स्मृति समारोहों में उसे मान्यता दिए जाने का लगातार विरोध करती रही है.

आरएसएस से वैचारिक संबंध रखने वाली भाजपा ने वेणुगोपाल के बयान पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया जारी नहीं की है. हालांकि, पार्टी नेताओं ने पहले आरएसएस का बचाव एक सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी संगठन के रूप में किया है जो समाज में सकारात्मक योगदान देता है.

इस विवाद से Political बहस और बढ़ने की उम्मीद है, खासकर जब विपक्षी दल आगामी राज्य चुनावों से पहले अपनी आलोचनाओं को तीखा कर रहे हैं. कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह इतिहास को फिर से लिखने और संवैधानिक मूल्यों को कमजोर करने के प्रयासों को चुनौती देती रहेगी.

एससीएच/डीएससी