Mumbai , 1 अक्टूबर फिल्म: सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी, रेटिंग: 4.5 स्टार, निर्देशक: शशांक खेतान, कलाकार: वरुण धवन, जान्हवी कपूर, सान्या मल्होत्रा, रोहित सराफ, मनीष पॉल और अक्षय ओबेरॉय, मूवी टाइम: 2 घंटे 20 मिनट, कहां देखें: थिएटर
शशांक खेतान निर्देशित फिल्म ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ एक रोमांटिक कॉमेडी है, जो हंसी, प्यार और भावनाओं का बेहतरीन मिश्रण पेश करती है. फिल्म में वरुण धवन, जाह्नवी कपूर, सान्या मल्होत्रा, रोहित सराफ, मनीष पॉल और अक्षय ओबेरॉय मुख्य भूमिकाओं में हैं. फिल्म की अवधि 2 घंटे 20 मिनट है और इसे थिएटर्स में देखा जा सकता है.
कहानी का केंद्र है सनी (वरुण धवन), जो अपने प्यार अनन्या (सान्या मल्होत्रा) द्वारा अस्वीकृति के बाद दिल टूटे हुए हैं. वहीं, तुलसी कुमारी (जाह्नवी कपूर) भी विक्रम (रोहित सराफ) से अस्वीकृति का सामना करती हैं. अपने पूर्व प्रेमियों को वापस पाने की कोशिश में सनी और तुलसी मिलकर एक रिश्ता निभाने का नाटक करते हैं, जिससे हास्य, अव्यवस्था और भावनात्मक मोड़ों से भरी कहानी जन्म लेती है. जैसे-जैसे उनका नाटक प्यार वास्तविक भावनाओं में बदलता है, कहानी जटिल होती जाती है और उन्हें यह समझना पड़ता है कि वे वास्तव में क्या और किसे चाहते हैं.
फिल्म रोमांस, कॉमेडी और भावनात्मक ड्रामा का संतुलित मिश्रण पेश करती है और दर्शकों को मनोरंजन के साथ-साथ दिल से जुड़ने का अनुभव कराती है. शशांक खेतान की निर्देशन शैली, जीवंत, तेज़-तर्रार और भावनात्मक रूप से प्रभावशाली फिल्म को विशेष बनाती है. उन्होंने हास्य और भावनाओं के असली पल का संतुलन इतनी कुशलता से बनाया है कि फिल्म आधुनिक और दिलचस्प दोनों लगती है.
वरुण धवन ने सनी के किरदार में अपने स्वाभाविक आकर्षण और अद्भुत कॉमिक टाइमिंग का प्रदर्शन किया है, जो मनोरंजक और सूक्ष्म दोनों है. जाह्नवी कपूर ने तुलसी के किरदार में अपनी भावनात्मक गहराई और आत्मविश्वासी स्क्रीन उपस्थिति से दर्शकों को प्रभावित किया, और उन्होंने अपने अभिनय में परिपक्वता दिखाई. सान्या मल्होत्रा और रोहित सराफ जैसे सहायक कलाकार कहानी में मजबूत परतें जोड़ते हैं, जिससे लव क्वाड्रैंगल रोचक और विश्वसनीय बनता है. मनीष पॉल और अक्षय ओबेरॉय जैसे अन्य सहायक कलाकारों का प्रदर्शन भी सराहनीय है.
तकनीकी दृष्टि से फिल्म बेहद आकर्षक है. सिनेमाटोग्राफी भारतीय संस्कृति और आधुनिक शहरी जीवन की जीवंतता को खूबसूरती से कैप्चर करती है, और दृश्य जीवंत हैं लेकिन दृष्टि को ओवरव्हेल्म नहीं करते. संगीत आकर्षक और कहानी के अनुकूल है, जो ध्यान भटकाता नहीं बल्कि कहानी को मजबूती देता है.
‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ की खासियत यह है कि यह एक सामान्य रोम-कॉम को ताज़ा ऊर्जा, भावनात्मक ईमानदारी और बेहतरीन अभिनय से जीवंत कर देती है. यह पूरी तरह से दर्शकों का मनोरंजन करती है और Bollywood की पारंपरिक रोमांटिक कहानियों में एक नया तड़का लगाती है. यह फिल्म प्यार, हंसी और आत्मीयता के साथ बताई गई रोमांटिक कहानियों के शौकीनों के लिए जरूर देखी जानी चाहिए.
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डीएससी